दो साल बाद भी पीएम सुरक्षा बीमा की राशि नहीं मिली नॉमिनी को

परिजनों का आरोप हमारे साथ जिम्मेदार कर रहे गोलमाल दो साल बाद भी पीएम सुरक्षा बीमा की राशि नहीं मिली नॉमिनी को

Bhaskar Hindi
Update: 2022-07-15 11:54 GMT
दो साल बाद भी पीएम सुरक्षा बीमा की राशि नहीं मिली नॉमिनी को

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। परिवार का मुखिया अपने स्तर पर बैंक के माध्यम से पॉलिसी ले लेता है। आम आदमी को राहत रहती है कि बैंक के माध्यम से पॉलिसी ली और किसी भी प्रकार की परेशानी के दौरान परिवार को सहारे के रूप में उपयोग में आएगी। बैंक के माध्यम से जालसाजी नहीं होगी। यहाँ तक की प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा भी परिवार के आर्थिक रूप से मदद करने का सहारा बनकर केन्द्र सरकार ने शुरू कराई थी, पर उसमें भी बीमा कंपनी अपनी मनमानी करने में लगी है। सरकार की मंशा में पानी फेरने में जिम्मेदार अधिकारी व बैंक के कर्मी जुटे हुए हैं। परिवार के मुखिया की मौत के बाद भी नॉमिनी को बीमा राशि नहीं दी जा रही है। वर्षों से बैंक व बीमा कंपनी में पत्राचार किया जा रहा है पर आम आदमी को राहत नहीं मिल रही है। अब पीड़ितों द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि हमारे साथ धोखा किया जा रहा है और अब हम किस पर विश्वास करें।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ- 

इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर मोबाइल नंबर -9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

एक्सीडेंट से हुई थी मौत के सारे दस्तावेज जमा कर चुके कंपनी में

वहीं सतना जिले के नागौद निवासी तीजिया अहिरवार ने अपनी शिकायत में बताया कि बेटे राकेश अहिरवार की 31 दिसम्बर 2019 को सड़क हादसे में मौत हो चुकी है। बेटे का इंडियन बैंक में खाता था और उसके एकाउंट से प्रतिवर्ष प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा की राशि भी कट रही थी। पॉलिसी क्रमांक 3336/55056186/00/000 के नियम के अनुसार मौत के बाद बीमा राशि नॉमिनी को मिलनी थी। उसके एक्सीडेंट व पुलिस में एफआईआर, मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ सारे आवेदन बैंक में जमा किए गए थे। बैंक अधिकारियों ने कहा था कि आपको जल्द ही बीमा राशि का लाभ मिल जाएगा। तीजिया बैंक अधिकारियों के आश्वासन के बाद इंतजार कर रही थी कि बीमा राशि मिलेगी तो आर्थिक तंगी खत्म हो जाएगी, बेटा ही पूरे परिवार का भरण पोषण का सहारा था और उसकी मौत के बाद आय के साधन नहीं हैं। वह लगातार बैंक में संपर्क कर रही है पर उसे अब तो जवाब भी नहीं दिया जा रहा है। सारे दस्तावेज देने के बाद भी उसे किसी तरह का सहारा नहीं मिल रहा है और वह बीमा राशि के लिए भटक रही है। नॉमिनी का आरोप है कि कई बार आवेदन देने के बाद भी उसकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। बीमा कंपनी के स्थानीय आफिस भी गई पर वहाँ से किसी तरह का जवाब नहीं दिया जा रहा है। पीड़िता ने बीमा राशि दिलाने की गुहार प्रशासन के अधिकारियों से लगाई है। वहीं बीमा कंपनी से संपर्क किया गया तो उनका कहना है कि पूरा बीमा राशी के क्लेम से संबंधित काम आपरेट चैन्नई से होता है और वहीं से बीमा की राशि रिलीज होती है। वहाँ से क्यों नहीं भेजी जा रही है इसका कारण बीमा अधिकारी नहीं बता पा रहे हैं। 
 

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