सर्वे होने पर भी भरपाई नहीं, किसानों ने जताया रोष
आर्वी सर्वे होने पर भी भरपाई नहीं, किसानों ने जताया रोष
डिजिटल डेस्क, आर्वी। तहसील में गत दो वर्ष में प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों का काफी नुकसान हुआ है। प्रशासन की ओर से इस नुकसान का सर्वेक्षण कर नुकसान भरपाई का प्रस्ताव सरकार की ओर भेजा गया है। मात्र दो वर्ष का अवधि बीतने पर भी शासन की ओर से नुकसानग्रस्त किसानों को एक कौड़ी भी नहीं मिलने से किसानों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। मात्र शासन की ओर से अब तक किसानों को मदद नहीं मिलते दिखाई दे रही है, साथ ही जनप्रतिनिधि भी इस के बारे में उदासीन होने से किसानों की ओर से रोष व्यक्त किया जा रहा है। तहसील के किसानों के नुकसान की आंकड़ेवारी हर वर्ष बढ़ रही है। मात्र शासन की ओर से मिलने वाली मदद शून्य है। हर वर्ष प्राकृतिक आपदा आते ही स्थानीय जनप्रतिनिधि तत्काल नुकसानग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण करने के लिए दौरा निकालते हैं। इस समय प्रशासन को तत्काल सर्वेक्षण करने की सूचना देते हंै। यह सभी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद मदद का पता नहीं रहता है, एेसा अनुभव किसान गत अनेक वर्ष से ले रहे हैं। फिर ये जनप्रतिनिधियों के नुकसानग्रस्त क्षेत्रों के दौरे, सर्वेक्षण के लिए आदेश देना किस काम के, एेसा प्रश्न किसान उपस्थित कर रहे हैं।
तहसील में आर्वी, वाठोड़ा, वाढोणा, विरूल, रोहणा, खरांगणा, एेसे 6 राजस्व मंडल हैं। इस वर्ष आंधी, बारिश व ओलावृष्टि के कारण आर्वी राजस्व मंडल में 396 किसानों के 295.30 हेक्टेयर क्षेत्र के 29 लाख 76 हजार 250 रुपए की फसल का नुकसान हुआ है। वाठोड़ा राजस्व मंडल में 974 किसानों के 503.40 हेक्टेयर क्षेत्र के 36 लाख 22 हजार 648 रुपए की फसल का नुकसान हुआ है। वाढोना के 447 किसानों के 159.25 हेक्टेयर क्षेत्र के 14 लाख 72 हजार 180 रुपए की फसल का नुकसान, रोहणा के 2 किसानों का 2 हेक्टेयर क्षेत्र के 36 हजार रुपए की फसल का नुकसान एेसे कुल 1 हजार 819 किसानों के मूसलाधार बारिश और ओलावृष्टि के कारण 959.95 हेक्टेयर क्षेत्र की तुअर, गेहंू, चना व सब्जी आदि फसलों का करीब 81 लाख 4 हजार 78 रुपए का नुकसान होने का शसकीय रिपोर्ट के माध्यम से बताया है। प्रत्यक्ष में परिस्थिति इससे अलग है। सर्वेक्षण के अंत में यह रिपोर्ट वरिष्ठों को भेजी गयी। लेकिन मदद नहीं मिली।
नुकसान की रिपोर्ट वरिष्ठों को भेजी है
विद्यासागर चव्हाण, तहसीलदार के मुताबिक आर्वी तहसील में हुए ओलावृष्टि के कारण हुए नुकसान का राजस्व व कृषि विभाग की ओर से संयुक्त रूप से सर्वेक्षण किया गया। इस सर्वेक्षण के अनुसार तहसील में ९५९.९५ हेक्टेयर क्षेत्र की फसल का नुकसान हुआ है। यह नुकसान की रिपोर्ट वरिष्ठों की ओर भेजी गयी है।