यवतमाल जिले के 66 गांवों में भूकंप के हल्के झटके,  घरों की दीवारों में आई दरारें

यवतमाल जिले के 66 गांवों में भूकंप के हल्के झटके,  घरों की दीवारों में आई दरारें

Bhaskar Hindi
Update: 2019-06-22 13:45 GMT
यवतमाल जिले के 66 गांवों में भूकंप के हल्के झटके,  घरों की दीवारों में आई दरारें

डिजिटल डेस्क, यवतमाल।  जिले के 66  गांवों में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। यह झटके पांच सेंकड से लेकर 54  सेंकड तक रहे। शुक्रवार की रात 9.10  मिनट पर यह सिलसिला शुरू हुआ। अचानक जमीन हिलती देख लोग भय के मारे कांपने लगे। उन्हें जमीन के नीचे से कुछ सरसराता हुआ गुजरने का अहसास हुआ। उसी के साथ घर के बर्तन नीचे गिरने की आवाज सुनाई दी। जिसके बाद कोहराम मच गया। रही सही कसर वाट्सअप ग्रुप पर आ रहे मॅसेज ने पूरी कर दी। जिससे लोग पूरी रात घरों के बाहर आंगन में बैठकर सूरज उदय का इंतजार करते नजर आए। जिले की 6 तहसीलों के  66 गांवों में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। उसमें उमरखेड के 27, महागांव के 26 , घाटंजी के 7, आर्णी के 4 तथा दिग्रस व दारव्हा के 1-1 गांव शामिल हैं।  

आयुक्त को भेजी रिपोर्ट
जिले की 6 तहसीलों के 66  गांवों में भूकंप के झटके महसूस होने की रिपोर्ट अधिकृत रूप से जिलाधिकारी कार्यालय के सहायता और पुनर्वसन विभाग द्वारा अमरावती संभागीय आयुक्त पियुष सिंह को भेजी गई। जिसमें बताया गया कि, शुक्रवार की रात 9.15  मिनट पर 6 तहसीलों के 66  गांवों में हल्के झटके महसूस किए गए। इस बारे में संबंधित तहसीलदारों ने जिलाधिकारी कार्यालय को रिपोर्ट पेश की । जिसमें किसी भी प्रकारी जानमाल की क्षति नहीं होने की प्राथमिक जानकारी दी गई है। उसी प्रकार सहायता नियंत्रण कक्ष का फोन नं.  07232- 240720  और 255077  दिया गया है।
 
9.22 बजे भूकंप आने की जानकारी 
जिला सूचना अधिकारी कार्यालय द्वारा भेजी गई। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार 6 तहसीलों के 24  गांवों में 21  जून की रात 9.22  बजे भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 3.7 दर्ज की गई है। जिला प्रशासन द्वारा भूकंप के दौरान क्या करे, या क्या न करे इसकी सूचना दी गई है। उसी प्रकार दी गई सूचनाओं का पालन नागरिक करें तथा अफवाहों पर विश्वास न करें ऐसा आह्वान जिला प्रशासन ने किया है। कभी - कभी शुरूआत में भूकंप के झटके कम रहते हैं। मगर बाद में उसकी तीव्रता बढऩे की संभावना रहती है। ऐसे समय कम हलचल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचे। हलचल होने तक घर में रूके। बाद में बाहर सुरक्षित स्थान ढूंढे, किसी टेबल या फर्निचर के नीचे रूक सकते हैं।  नहीं हो तो किसी कोने में घुटनों में चेहरा लेकर खुद का बचाव किया जा सकता है। भूकंप आने के बाद में पथदीप, पेड़, दीवार, भवन, बिजली तार से दूर रहें। राजस्व कर्मी व अधिकारी गांव-गांव जाकर लोगोंं को सात्वना देने का आह्वान किया गया। 
 

 

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