संक्रमण के डर से अपनों ने मुँह मोड़ा, तो नपा कमचारियों ने अस्थिायां नर्मदा में की विसर्जित

संक्रमण के डर से अपनों ने मुँह मोड़ा, तो नपा कमचारियों ने अस्थिायां नर्मदा में की विसर्जित

Bhaskar Hindi
Update: 2021-05-25 16:57 GMT
संक्रमण के डर से अपनों ने मुँह मोड़ा, तो नपा कमचारियों ने अस्थिायां नर्मदा में की विसर्जित


डिजिटल डेस्क नरसिंहपुर। कोरोना संक्रमण काल में समाज में कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं। संक्रमण के डर से मुक्तिधाम में लोग अपनों की अस्थियां लेने तक नहीं पहुँच रहे हैं। ऐेसे में नगर पालिका प्रशासन व उसके कर्मचारियों ने मानवता की मिसाल पेश की है। मामला नरसिंहपुर जिले का है, जहां कोरोना से मृत हुए लोगों की  अस्थियां  लेने के लिए परिजनों के नहीं पहुँचने पर नपा के कर्मचारियों ने अस्थियां एकत्रित करते हुए हिन्दू रीति रिवाज के साथ नर्मदा में विसर्जित की हैं।
गौरतलब है कि लावारिस शवों को कचरा वाहन में रखकर ले जाने की घटनाएं होने पर कई बार मानवता शर्मसार होती रही है। नरसिंहपुर जिला मुख्यालय के सफाई कर्मियों ने कोरोनाकाल में मानवता, संवेदना और रिश्तों की लाज बचाने का श्रेष्ठ उदाहरण प्रस्ुतत किया है। संभवत: प्रदेश में यह पहली बार हुआ है, कि जब कोरोनकाल की भयावहता के बीच अंतिम संस्कार के बाद परिजन भी अपनो को भूल गए और खारी नहीं उठाने आए। ऐसे में अंतिम संस्कार करने वाले नपा कर्मियों ने इनकी खारी सहेजकर रखी और मंगलवार को विधि विधान से पूजन कर माँ नर्मदा में विसर्जित की। अनजान खारियों को विसर्जन के लिए ले जाते वक्त इन कर्मचारियों की भी आंखें नम नजर आईं।
उल्लेखनीय है कि जिला मुख्यालय का नकटुआ स्थित मुक्तिधाम में पिछले दो माह में करीब ढाई सौ से अधिक लोगों का अंतिम संस्कार हुआ। कोविड प्रोटोकाल के तहत किए गए इन अंतिम संस्कारों के बाद दुखद स्थिति यह रही कि करीब 30 लोगों के शव ऐसे थे जिनके परिजनों ने न तो दाह संस्कार किया और न ही खारी उठाने पहुंचे। ऐसी परिस्थिति में नगरपालिका नरसिंहपुर के कर्मचारियों ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी और मंगलवार 25 मई को इन्हीं बेटों ने पूरे हिन्दू रीति रिवाजों, पूजन-पाठ करते हुए अनजान शवों की खारी बरमान में विसर्जित की।
सहेजकर रखी खारी-
नगरपालिका के सफाई व मुक्तिधाम में कर्मचारियों ने नकटुआ स्थित मुक्तिधाम में खारियों को एकत्र कर नकटुआ मुक्ति धाम में सहेजकर रखा गया था। नपा के अधिकारियों की मौजूदगी में सभी ने एक-एक कर सभी मृत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की। खारी ले जाने के पूर्व जो-जो हिन्दू विधान होते हैं, उनका निर्वहन कर शव वाहन द्वारा बरमान ले जाकर खारियों को एक के बाद एक बहती धार में प्रवाहित किया।
इन्होंने निभाया बेटे का फर्ज-
नगरपालिका के सफाई कर्मचारी रंजीत दागोरिया, लक्ष्मी प्रसाद, शिवा, जितेन्द्र, विकास, लखन कुमार, अजय, महेश राज करोसिया, प्रहलाद ठाकुमार, कमल उर्फ कालूराम, विजय बाल्मीक व राजेश बीते दो माह से लगातार कोरोना प्रोटोकाल के तहत अंतिम संस्कार कराने का दायित्व निभाते रहे हैं। वहीं मुक्तिधाम में रहने वाले राजा कौरव विनोद ठाकुर दशरथ ठाकुर भूरा ठाकुर भी सहयोगी बने।
इनका कहना है-
कोरोनाकाल के दौरान प्रोटोकाल के तहत नगर के नकटुआ स्थित मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किए गए। सफाई कर्मचारियों ने जानकारी दी कि करीब 30 लोगों की खारी नहीं उठी है और वह उनका विधि विधान से विसर्जन करना चाहते हैं। मंगलवार को मुक्तिधाम में पूजन के बाद ऐसे लोगों की खारी का विसर्जन नर्मदा में किया गया है।
केव्ही सिंह, सीएमओ नरसिंहपुर

 

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