डॉक्टर निजी सेवा में व्यस्त, सरकारी अस्पताल में मरीज हो रहे पस्त
डॉक्टर निजी सेवा में व्यस्त, सरकारी अस्पताल में मरीज हो रहे पस्त
डिजिटल डेस्क,नागपुर। मनपा के अस्पतालों में डॉक्टर समय पर नहीं पहुंच रहे हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि ज्यादातर डॉक्टरों के शहर में बड़े-बड़े अस्पताल खुले हैं। संबंधित डॉक्टर मनपा के अस्पतालों को छोड़कर अपने अस्पताल में बैठे रहते हैं। मामले का खुलासा होने के बाद भी प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है। वहीं, पिछले दिनों महानगरपालिका के अस्पतालों के बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) का बढ़ाया गया समय भी दवाब के चलते चुपके से वापस कर लिया गया है।
दबाव में फैसला वापस
उल्लेखनीय है कि शहर में एनयूएचएम के माध्यम से कई सारे दवाखानों को संचालित किया जाता है। इनका अस्पतालों का समय सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक रहता है। वहीं, दूसरी ओर मनपा के दवाखाने संचालित किए जाते हैं, लेकिन इनका ओपीडी समय सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक था। इस बात को ध्यान में रखकर 1 जुलाई से मनपा के अस्पतालों का भी समय सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे किया गया था। इसी बीच मामले में कई सारे कर्मचारी संगठनों ने दवाब बनाया। आखिरकार वरिष्ठ अधिकारियों और नेताओं के दवाब के चलते बढ़ाए गए समय को वापस कर दिया गया। हालांकि हैरानी की बात यह है कि ओपीडी के सुबह 8 से दोपहर 2 के समय में भी डॉक्टर अस्पताल में उपस्थित नहीं रहते हैं। कुछ नाममात्र के लिए हस्ताक्षर करने आते हैं, तो कुछ 1 या 2 घंटे के लिए अस्पताल में उपस्थिति दिखाकर वापस चले जाते हैं।
आयुक्त ने भी नहीं की कार्रवाई
मनपा के डॉक्टरों को प्राइवेट प्रैक्टिस करना प्रतिबंधित है, इसके बाद भी कई सारे डॉक्टर प्रैक्टिस कर रहे है। इसमें कई सारे ऐसे भी डॉक्टर हैं, जिनके शहर में बड़े-बड़े अस्पताल खुले हुए हैं। हैरानी की बात यह है कि मामले की जानकारी सभी अधिकारियों को है। मामला आयुक्त के पास भी पहुंचने के बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
राज्य सरकार के नियम को मानेंगे
हमारी पुरानी ओपीडी का समय सुबह 8 से 2 बजे तक था, जिसे बढ़ाकर शाम 4 बजे तक कर दिया गया है। वापस से उसे दोपहर 2 बजे कर दिया गया है। राज्य सरकार के नियमों के अनुसार काम किया जाएगा। -वीरेन्द्र कुकरेजा, सभापति, स्वास्थ्य विभाग