रामटेक में मिर्ची फसल पर रोग का प्रकोप, काटोल में संतरा उत्पादकों पर संकट
परेशान किसान रामटेक में मिर्ची फसल पर रोग का प्रकोप, काटोल में संतरा उत्पादकों पर संकट
डिजिटल डेस्क, रामटेक। तहसील में मिर्ची यह महत्वपूर्ण व नकद फसल मानी जाती है। लेकिन गत 10 से 15 दिन से प्रतिकुल मौसम से बदली परिस्थिति के चलते मिर्ची पर फूलकीड़ों का प्रकोप बड़े पैमाने पर बढ़ गया है। इससे मिर्ची की फसल पर चुरड़ा-मुरड़ा नामक विषाणुजन्य रोग पाया गया है। इस कारण मिर्ची फसल में 40 से 50 प्रतिशत कमी की आशंका बढ़ गई है। नगरधन जिला परिषद के सदस्य दुधराम सव्वालाखे, डॉ. नंदकिशोर लवे, कीटक शास्त्रज्ञ, कृषि महाविद्यालय नागपुर, दिनेश भिन, तहसील कृषि अधिकारी रामटेक, चंद्रमणि हाटे, मंडल कृषि अधिकारी रामटेक, नारायण तोड़मल, कृषि सहायक आदि ने क्षेत्र के मसला, बोरी, काचुरवाही आदि गांवाें में मिर्ची फसल के रोगों का निरीक्षण किया। इस अवसर पर किसान डाॅ. रामसिंग सहारे, जयवेंद्र कंगाली, गजानन चकोले, प्रदीप चकोले, नरेश बर्वे, शुभम कामड़े, गजानन भलमे सहित बड़ी संख्या में मिर्ची उत्पादक किसान उपस्थित थे।
संकट में संतरा उत्पादक
उधर काटोल नागपुर संतरानगरी के नाम से प्रसिद्ध है। जिले में कटोल, नरखेड़ कलमेश्वर, सावनेर और अमरावती जिले के वरुड़, मोर्शी, चांदुर बाजार, अचलपुर आदि को संतरा उत्पादक तहसील के रूप में जाना जाता है। कटोल और नरखेड़ एशिया के सबसे बड़े संतरे उत्पादन बाजार है, लेकिन भारी बारिश के कारण संतरा उत्पादक संकट में हैं। दक्षिण भारत में हाल ही में हुई बारिश के कारण संतरा उत्पादकों को संतरे का निर्यात न करने के कारण संतरे की कीमतों में गिरावट आई है। काटोल- नरखेड़ तहसील में नारंगी प्रसंस्करण संयंत्र की कमी के कारण संतरे की कोई कीमत नहीं होती है। संतरे का मौसम शुरू हो गया है। किसान चिंतित हैं। भारी बारिश के कारण संतरे पर तरह-तरह की बीमारियों का हमला हो चुका है।