तबादला नीति से विसंगति, शिक्षा विभाग ने बनाया सेल, दावा-आपत्ति के बाद तय होगा भविष्य

कटनी तबादला नीति से विसंगति, शिक्षा विभाग ने बनाया सेल, दावा-आपत्ति के बाद तय होगा भविष्य

Bhaskar Hindi
Update: 2023-02-02 09:04 GMT
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डिजिटल डेस्क,कटनी। तबादला नीति सवालों के कटघरे में फिर से दिखाई दे रही है। जिसके चलते सरप्लस टीचरों के मामले में प्रदेश भर में फिर से हलचल शुरु हो गई है। शिक्षा विभाग ने इसके लिए पांच सदस्यों का सेल भी गठित कर दिया है। दावा-आपत्ति के बाद ही स्कूलों के साथ वहां पर पढ़ाने वाले शिक्षकों का भविष्य तय होगा। दरअसल यह जानकारी चौकाने वाली है कि जिले के 1551 विद्यालय में स्वीकृत 8 हजार 56 के विरुद्ध तो कार्यरत शिक्षकों की संख्या 4299 है, लेकिन कई स्कूलों में शिक्षकों की संख्या इतनी अधिक है कि जिले में अतिरिक्त शिक्षकों की संख्या 535 तक पहुंच गई है। यह स्थिति तब है, जब जिले में 62 स्कूल शिक्षक विहीन हैं। 262 स्कूलों में तो एक-एक शिक्षक के कंधों पर पूरे विद्यालय का जिम्मा है। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने भी जानकारी देते हुए दावा आपत्ति मांगी है।

यह है विकासखण्ड की स्थिति

क्रमांक     ब्लाक            स्कूल        स्वीकृत        कार्यरत      अतिरिक्त 
01         बड़वारा           294       1545        763          69
02         बहोरीबंद          277       1366        695          60
03         ढीमरखेड़ा         261        1354        606          48
04         कटनी              239       1407       1033         204
05         रीठी                206       1052        507          64
06         विजयराघवगढ़     274       1332       695           90

इसलिए बनी स्थिति

इस संबंध में बताया जाता है कि तबादला नीति के पहले कई स्कूलों में शिक्षकों की संख्या पोर्टल में अपडेट नहीं की गई। जिसका परिणाम हुआ कि जहां पर पहले से ही पढ़ाने वाले शिक्षक रहे। वहां पर दूसरे स्कूलों या फिर अन्य जिलों से भी शिक्षक पहुंच गए। बच्चों की संख्या तो उतनी ही रही। एकाएक शिक्षकों की संख्या बढ़ जाने से पदों का समीकरण गड़बड़ा गया। इस तरह की परेशानी जिला स्तर से लेकर प्रदेश स्तर में रही।

मुख्यालय से अधिक मोह

इन सबके बीच यह जानकारी चौकाने वाली है कि अन्य ब्लाक की अपेक्षा कटनी में ही सबसे अधिक अतिरिक्त शिक्षक हैं। मुख्यालय के ही कई स्कूल ऐसे हैं, जहां पर बच्चों की संख्या तो कम है, लेकिन पढ़ाने वाले शिक्षकों की भरमार है।

शिक्षकों में संशय, संगठन ने कहा:नियमों का नहीं पालन

सबसे अधिक परेशान शिक्षक दिखाई दे रहे हैं। अतिशेष शिक्षकों में सीनियर शिक्षकों को स्कूल से बाहर किया जाएगा और जो नए शिक्षक आए हैं। उन्हें स्कूल में ही रहने दिया जाएगा। जिसको लेकर शिक्षकों में असंतोष व्याप्त है। इस संबंध में शासकीय शिक्षक संगठन के प्रांताध्यक्ष राकेश दुबे ने बताया कि पूर्व में ही इस बात को लेकर आपत्ति जताई गई थी कि अतिशेष शिक्षकों के मामले में गणना करते समय कनिष्ठ शिक्षक को अतिशेष माना जाए। इसके बावजूद  वरिष्ठ शिक्षकों को अतिशेष माना जा रहा है। इस तरह से नए नियम को लादकर वरिष्ठ शिक्षकों को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है। 

यहां 11.32 तक नहीं पहुंचे शिक्षक, ग्रामीणों ने बनाया पंचनामा

स्लीमनाबाद तहसील के मटवारा स्कूल में फिर से शिक्षकों की लापरवाही मिली। 11.32 तक जब शिक्षक नहीं पहुंचे और इसकी जानकारी ग्रामीणों के साथ अन्य लोगों को लगी तो लोग यहां पर पहुंच गए। जिसमें जनप्रतिनिधि भी शामिल रहे। उपसरपंच अजय विश्वकर्मा, पंच सचिन बर्मन, फूलचंद रजक, कमल कुमार पाण्डे, सेवाराम हल्दकार, गिरधारी कोल रहे। सभी लोगों का कहना रहा कि प्राथमिक स्कूल मटवारा में रोजाना शिक्षक देरी से पहुंचते हैं।
 

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