आत्मदाह का किया एलान तो हरकत में आया प्रशासन , कलेक्टर ने कहा दो माह में होगा मांगों का निराकरण
आत्मदाह का किया एलान तो हरकत में आया प्रशासन , कलेक्टर ने कहा दो माह में होगा मांगों का निराकरण
डिजिटल डेस्क,टीकमगढ़। दिगौड़ा के 72 वर्षीय समाजसेवी रमाशंकर पस्तोर द्वारा आत्मदाह के ऐलान करते ही प्रशासन पुलिस हरकत में आया। बीती शाम ही इन्हें निगरानी में ले लिया गया और आज जैसे ही वह जिला मुख्यालय पर पहुंचे तब हायतौबा मच गई। समाजसेवी पस्तोर तालाब में पानी लाने और तहसील चालू कराने के लिए मांग पत्र सौंप चुके थे। कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने इनसे मिलकर इनकी मांगों को गंभीरता से लिया और दो माह के अंदर पूरा करने का भरोसा दिलाया।
गौरतलब है कि समाजसेवी रमाशंकर पस्तोर द्वारा लम्बे समय से आन्दोलन, धरना, प्रदर्शन, ज्ञापन देकर समाजहित की मांगों की मांग की जा रही थी, जिस पर प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा था, जिससे आहत होकर समाजसेवी रमाशंकर पस्तोर ने प्रशासन को पत्र सौंपकर आत्मदाह की मांग की थी। जिस पर प्रशासन द्वारा श्री पस्तोर को आत्मदाह की अनुमति नहीं दी गई थी, लेकिन श्री पस्तोर ने मुख्यमंत्री, कलेक्टर, एसडीएम, थाना प्रभारी को पत्र सौंपकर 16 जुलाई को कलेक्ट्रेट कार्यालय में आत्मदाह की चेतावनी दी थी, जिस पर पुलिस एवं प्रशासन ने श्री पस्तोर को अभिरक्षा में लेकर समझाइश देने का प्रयास किया, लेकिन वह मांगों को मानते हुए लिखित पत्र मिलने के बाद ही आत्मदाह नहीं करने को तैयार थे। यहां बता दें कि श्री पस्तोर द्वारा दिगौड़ा नगर में पानी की कमी के चलते तालाब को हरपुरा नहर परियोजना से जोडने एवं 10 माह पूर्व राजपत्र में प्रकाशन हो चुकी दिगौड़ा तहसील को पूर्ण दर्जा दिलाने के साथ शिक्षा के लिए डिग्री कॉलेज खोले जाने सहित अन्य मांगों को लेकर प्रशासन से मांग कर रहे थे, जिसके लिए श्री पस्तोर को आमरण अनशन, आन्दोलन, धरना प्रदर्शन सहित जेल भी जाना पड़ा।
मांगे पूरी न होने पर फिर जताएंगे नाराजगी
कलेक्टर से मुलाकात कर श्री पस्तोर ने बताया कि दो माह में तालाब को हरपुरा नहर परियोजना एवं अन्य नहर से भरने सहित दिगौड़ा तहसील को पूर्ण दर्जा दिलाने की बात जिला प्रशासन ने स्वीकार की है। साथ ही डिग्री कॉलेज के लिए भी प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजने की बात कही है। अगर समय अवधि में मांगें पूरी नहीं होती तो फिर इसी तरह पत्र देकर प्रदर्शन किया जाएगा।