तीसरे दिन यात्री प्रतीक्षालय के कमरे में पहुंची बेसहारा मां के साथ बेटी
सलेहा तीसरे दिन यात्री प्रतीक्षालय के कमरे में पहुंची बेसहारा मां के साथ बेटी
डिजिटल डेस्क , सलेहा । सलेहा कस्बा मुख्यालय स्थित न्यू बस स्टैण्ड के समीप थाना परिसर में ली बाउण्ड्री में खुले आसमान के नीचे डेरा डालकर अपने दो साल के मासूम बेटे तथा ०६ साल की बेटी का इधर-उधर घूमकर पेट पाल रही बेसहारा मां की दुखों भरी दास्तान शासन-प्रशासन और समाज के सामने तब निकलकर सामने आई जब उसके बीमार बच्चे की कडाके की ठण्ड से मौत हो गई। बेवश मां के दुख भरी जिंदगी के सरकार, प्रशासन की सामाजिक व्यवस्थाओं जिसमें कमजोर, बेसहारा वर्गों को सहारा एवं सुरक्षा दिए जाने के लिए ढेर सारी योजनाये हैं उस पर बडे सवाल खडे हो गए हैं। बेसहारा महिला सुलोचना बाई के साथ जिसने सात फेरे लिए थे वह उसने उसे दो बच्चों के साथ ही छोड दिया। दो बच्चों को पालने के लिए बेसहारा महिला अपने मायके भी गई परंतु वहां भी उसे सहारा नहीं मिला।
सरकार की सामाजिक योजनाओं से भी महिला और उसके बच्चे महरूम थे और बेसहारा मां अपनी 6 साल की बच्ची और दो साल के मासूम बेटे को खुले आसमान के नीचे डेरा डालकर उसके ऊपर फटी पन्नियां लगाकर समाज के लोगों से जो कुछ मिल जाता था उससे बच्चों और अपनों का पेट भर रही थी और इन विपरीत परिस्थितियों के बीच उसका साहस तब हिल गया जब उसके दो साल के मासूम बच्चे की ठण्ड से मौत हो गई। महिला की इस दर्दभरी कहानी और मासूम बच्चे की मौत को इस समाचार पत्र द्वारा लगातार सामने लाया जा रहा है। बीते दिवस जिला प्रशासन के निर्देश पर महिला की मदद के लिए तहसीलदार गुनौर, सीईओ जनपद पंचायत गुनौर के साथ थाना प्रभारी सलेहा मौके पर पहुंचे थे। अधिकारियों द्वारा बेसहारा महिला तथा उसकी बेटी के लिए तीन हजार रूपए की सहायता राशि उसे उपलब्ध करा दी गई और इसके बाद उसी जगह जहां ठण्ड लगने से बच्चे की मौत हो गई थी नई पन्नियां लगाकर चले गए।
बेसहारा महिला और उसकी ०६ साल बेटी को दो साल के बच्चे की मौत के बाद भी सुरक्षित आशियाना नहीं मिलने की स्थिति प्रमुखता के साथ इस समाचार पत्र द्वारा रखी गई। जिसके बाद आज तीसरे दिन प्रशासन द्वारा महिला एवं उसकी बच्ची ठण्ड से सुरक्षित हो इसके लिए व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए। मिले निर्देश के बाद नायब तहसीलदार गुनौर आकाश नीरज आज सुबह लगभग दस बजे सलेहा पहुंचे तथा महिला एवं उसकी बच्ची की सुरक्षा के मद्देनजर उसे न्यू बस स्टैण्ड स्थित यात्री प्रतीक्षालय में उपलब्ध एक कक्ष में शिफ्टे करने का निर्णय लिया गया। नायब तहसीलदार द्वारा यात्री प्रतीक्षालय में खाली पडे एक कक्ष की साफ-सफाई करवाई गई तथा वहां पर विद्युत की व्यवस्था करवाते हुए महिला एवं उसकी बच्ची को उसके पास उपलब्ध समान के साथ शिफ्ट करवाया गया साथ ही साथ ग्राम पंचायत तथा थाना प्रभारी को महिला एवं उसकी बेटी को सुरक्षा तथा आवश्यकताओं को लेकर आवश्यक निर्देश दिए गए। वर्षों से खुले आसमान के नीचे रह रही बेसहारा महिला और उसकी बेटी को अंतत: आज उसके बेटे की हुई मोत के तीसरे दिन अस्थाई रूप से रहने के लिए एक कमरा मिल गया है। जिसके ऊपर छत भी है।