गोविंद से मिलन का मार्ग है साधना, कथा भी अपने आप में साधना- देवकीनंदन
गोविंद से मिलन का मार्ग है साधना, कथा भी अपने आप में साधना- देवकीनंदन
डिजिटल डेस्क, नागपुर। साधना हमें गोविंद तक ले जाने में मदद करती है। यही गोविंद, गिरधारी, माधव तक पहुंचने का मार्ग है। यह उद्गार विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट व विश्व शांति सेवा समिति नागपुर की ओर से 8 जनवरी तक रेशमबाग मैदान में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दौरान पं. देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि जैसे जल का स्वभाव ढलान की ओर जाना है उसी प्रकार हमारे मन की स्थिति होती है। मन स्वभाविक तौर पर गलत रास्ते पर ही जाना पसंद करता है जो अनुचित है, मन स्वाभाविक ही उधर चला जाता है। जल जिसका स्वभाव नीचे जाने का है वह कोशिश और संसाधनों से 150 वीं मंजिल तक भी पहुंच जाता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि उसके लिए प्रयास किया गया है। ठीक वैसे ही जैसे जल साधनों से ऊपर पहुंच गया, वैसे ही मन भी साधना से पहुंचेगा। जल को पहुंचाने के लिए साधन लगेंगे, लेकिन मन को पहुंचाने के लिए साधना लगेगी करनी होगी. कथा सुनना अपने आप में साधना है।
महाराज श्री ने प्रभु के रसमय स्वरूप और श्रीकृष्ण की सुंदर लीलाओं का वर्णन भक्तों को श्रवण कराया। रुक्मिणी विवाह इस अवसर पर आयोजित किया गया. इसके उत्सव यजमान उर्मिला गौरीशंकर अग्रवाल परिवार थे. श्रीकृष्ण के रूप में योगिता लहाने, रुक्मिणी के रूप में रश्मि बंसल प्रस्तुत हुए. कथा पंडाल में खुशियां मनाई गई। व्यासपीठ का पूजन यजमान वामन हारोडे परिवार, गोविंद बंसल परिवार, अध्यक्ष शकुंतला अग्रवाल, मृणाल इलमकर, निर्मला गोयनका, रत्ना जेजानी, सुमेधा चैधरी, शीतल अग्रवाल, वैभव जाउलकर, अशोक अग्रवाल, रमेश अग्रवाल, विजय सराफ, प्रकाश मेहाडिया, दीपा अग्रवाल, राजेश खेतान ने किया । कैलाश लिलडिया, अल्का भांगड़े, शीला कान्होरिया, विद्या कान्होरिया, संजय अग्रवाल, नीरजा जैन, सुनीता भाउका, अंजू अग्रवाल सहित अन्य ने किया.बुधवार को कथा के अंतिम दिवस द्वारिका लीला, सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष, व्यास पूजन व पूर्णाहुति होगी. इसके उत्सव यजमान मनोरमा मदन इलमकर, विजय ठाकुर, संतोष गुप्ता हैं. कथा का समय दोपहर 1 बजे से रहेगा. सभी भक्तों से उपस्थिति की अपील की गई है।
200 जरूरतमंदों को चष्मा वितरण
विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट व विश्व शांति सेवा समिति नागपुर शाखा की ओर से 200 जरूरतमंदों का देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज के हाथों चष्में का वितरण किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या मंे विश्व शांति सेवा समिति नागपुर शाखा के सदस्य उपस्थित थे।