नकली नोट छापने वाला गिरोह गिरफ्तार, प्रिंटर, नगदी व बाइक बरामद

नकली नोट छापने वाला गिरोह गिरफ्तार, प्रिंटर, नगदी व बाइक बरामद

Bhaskar Hindi
Update: 2020-09-27 12:28 GMT
नकली नोट छापने वाला गिरोह गिरफ्तार, प्रिंटर, नगदी व बाइक बरामद


 
डिजिटल डेस्क सतना। जिला न्यायालय परिसर में फोटो कॉपी दुकान से 2 सौ के नकली नोट छाप कर ग्रामीण क्षेत्र में खपाने वाले गिरोह के 3 सदस्यों को बरौंधा पुलिस ने गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है, तो उनके दो साथियों की सरगर्मी से तलाश की जा रही है। पकड़ में आए बदमाशों के कब्जे से दो प्रिंटरों के साथ असली और नकली नोट बरामद किए गए हैं। टीआई पीसी कोल ने बताया कि कतकहा निवासी दुकानदार बाला प्रसाद शिवहरे की दुकान पर दो युवक किराना खरीदने आए और 20 रुपये के सामान के बदले दो सौ नोट पकड़ा कर चले गए। काफी देर बाद जब उसने बिक्री का हिसाब किया, तब नोट नकली समझ में आई तो फौरन थाने पहुंचकर शिकायत कर दिया जिस पर जांच करते हुए धारा 467, 471, 472, 189बी, 489ग, 489(4) और 120बी का अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया। इसके साथ ही आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई, जिनमें से अनिल वर्मा पुत्र रामस्वरूप वर्मा (चौधरी) 32 वर्ष निवासी महाराणा प्रताप नगर और रज्जन वर्मा पुत्र भइयालाल 36 वर्ष निवासी करही थाना सिविल लाइन को कुछ घंटों के भीतर ही पकड़ लिया। दोनों आरोपियों ने पूछताछ में बाजार से कागज खरीदकर अपने साथी शिब्बू उर्फ शिवेन्द्र सिंह परिहार पुत्र पवन ङ्क्षसह परिहार 25 वर्ष निवासी गढिय़ा टोला के जरिए कचेहरी में संचालित फोटोकापी दुकान से लेजर प्रिंटर के जरिए 2 सौ के नकली नोट छापने का खुलासा किया, तब कचेहरी में छापा मारकर शिब्बू को गिरफ्तार करते हुए दो प्रिंटर और कागज जब्त कर लिए गए। वहीं आरोपियों से 2 सौ के 10 नकली नोट और 41 सौ के असली नोट बरामद किए गए। इस गिरोह में कोठी थाना क्षेत्र के बैरहना निवासी रामपाल वर्मा और चोला चौधरी भी शामिल हैं जो पुलिस कार्रवाई की भनक लगते ही भूमिगत हो गए, उनकी धरपकड़ के लिए एक टीम बनाई गई है।
डेढ़ साल से सक्रिय था गिरोह
पांचों युवकों के बीच अच्छी दोस्ती है, कम समय में आसान और ज्यादा पैसा कमाने के लिए आरोपियों ने नकली नोट छापने का प्लान बनाया। नोटों की छपाई के लिए कचेहरी परिसर में संचालित फोटोकॉपी दुकान को चुना गया, जहां शिब्बू काम करता था। आरोपी ने दुकान मालिक को बताए बिना डुप्लीकेट चाभी बना ली और उनकी गैर मौजूदगी में दुकान खोलकर नोट छापता था। हर खेप में से 5 सौ रूपए मिलते थे। अब तक की जांच में लाखों के नकली नोट छापने और खपाने के साक्ष्य पुलिस को मिल चुके हैं। इन आरोपियों के बाहरी गिरोहों से संपर्क का पता लगाने के लिए मोबाइल जब्त कर साइबर सेल के हवाले कर दिए गए हैं।

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