कांट्रैक्ट शिक्षक को 25 हजार, सुरक्षा सुपरवाइजर को मिलती है 29 हजार सैलरी

कांट्रैक्ट शिक्षक को 25 हजार, सुरक्षा सुपरवाइजर को मिलती है 29 हजार सैलरी

Bhaskar Hindi
Update: 2019-09-05 09:52 GMT
कांट्रैक्ट शिक्षक को 25 हजार, सुरक्षा सुपरवाइजर को मिलती है 29 हजार सैलरी

डिजिटल डेस्क,नागपुर। यूनिवर्सिटी में  इन दिनों एक अजब-गजब स्थिति तैयार हो गई है। विश्वविद्यालय में कांट्रैक्ट बेसिस पर पढ़ाने वाले शिक्षकों से ज्यादा वेतन, यूनिवर्सिटी में तैनात महाराष्ट्र सिक्युरिटी फोर्स (एमएसएफ) के सुरक्षाकर्मियों का वेतन कर दिया गया है।  मैनेजमेंट काउंसिल की बैठक में सुरक्षाकर्मियों के वेतन में प्रतिमाह 3 हजार रुपए का इजाफा करने का निर्णय लिया गया है। एमएसएफ द्वारा कुछ दिनों पूर्व भेजी गई एक सिफारिश को  यूनिवर्सिटी ने मंजूर किया है। हालांकि बैठक में सदस्य विष्णु चंगादे और दिनेश शेराम ने इस प्रस्ताव का विरोध किया, फिर भी बहुमत के आधार इसे पास किया गया है। नए दर के अनुसार सुपरवाइजर का वेतन 26 हजार से बढ़ कर 29 हजार, हेड गार्ड का 21 हजार से बढ़ कर 24 हजार और सुरक्षा गार्ड का वेतन 20 हजार से बढ़ा कर 23 हजार किया गया है। वहीं यूनिवर्सिटी में कांट्रैक्ट बेसिस पर पढ़ाने वाले शिक्षक को 25 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन दिया जाता है। सुरक्षाकर्मियों और शिक्षकों का वेतन समान हो जाने से यूनिवर्सिटी में यह मुद्दा चर्चा का विषय बन गया है। 

भेजी थी सिफारिश 

एमएसएफ ने नागपुर यूनिवर्सिटी को कुछ दिनों पूर्व यह सिफारिश भेजी थी। जिसमें दलील दी गई थी कि प्रदेश की 190 संस्थाओं ने पहले ही वेतनवृद्धि कर दी है। ऐसे में नागपुर यूनिवर्सिटी को भी इसे स्वीकार करना चाहिए। यूनिवर्सिटी कुलगुरु डॉ.सिद्धार्थविनायक काणे ने कहा कि सरकारी राजपत्र के अनुसार यूनिवर्सिटी  को एमएसएफ की सुरक्षा सेवाएं लेना जरूरी है। यूनिवर्सिटी पहले से ही उनकी सेवाएं ले रहा है। 3 वर्ष तक का करार भी किया गया है। अब यूनिवर्सिटी अपनी अन्य जगहों पर भी एमएसएफ की सेवाएं लेने वाला है। इसके लिए चंगादे और शेराम की उपस्थिति वाली एक समिति गठित की गई है। समिति के बताए प्वाइंट पर यूनिवर्सिटी एमएसएफ के सुरक्षाकर्मी तैनात करेगा।

अभी करीब 100 सुरक्षाकर्मी

अभी एमएसएफ के 100 से अधिक सुरक्षाकर्मी यूनिवर्सिटी के प्रशासकीय परिसर, परीक्षा भवन हॉस्टल व अन्य जगहों पर कार्यरत है, यूनिवर्सिटी पूरी सुरक्षा व्यवस्था पर  सालाना करीब 5 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है। अब फिर से इस खर्च में वृद्धि होने वाली है। निर्णय के अनुसार अब आगे जब एमएसएफ के साथ हुए एग्रीमेंट का नवीनीकरण होगा, तब यह वेतन बढ़ाया जाएगा। एमएसएफ के अलावा यूनिवर्सिटी ने कुछ निजी सुरक्षा एजेंसियों की भी सेवाएं ले रखी है, उन्हें धीरे-धीरे हटाने की तैयारी हो रही है। सुरक्षा के नाम पर हर साल करोड़ों रुपए के खर्च के कारण यूनिवर्सिटी आए दिन आलोचकों के निशाने पर रहता है। यही नहीं  यूनिवर्सिटी की सुरक्षा में लगातार खामियां भी सामने आती है। कभी विद्यार्थी संगठनों की तोड़-फोड़, तो कभी यूनिवर्सिटी में चोरियां आए दिन सामने आती है। वहीं यूनिवर्सिटी में एंट्री के दौरान भी कई बार सुरक्षा रक्षकों से विवाद के मामले सामने आते है। खासकर प्रशासकीय परिसर जहां आला अधिकारियों के कक्ष है, वहां बड़ी संख्या में एमएसएफ के जवान तैनान करने पर भी यूनिवर्सिटी को आलोचना झेलनी पड़ती है।
 

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