एजेंट व बीमा कंपनी के अधिकारियों द्वारा आम लोगों को बनाया जा रहा शिकार

स्टार हेल्थ कंपनी ने बीमित को कैशलेस से कर दिया इनकार एजेंट व बीमा कंपनी के अधिकारियों द्वारा आम लोगों को बनाया जा रहा शिकार

Bhaskar Hindi
Update: 2023-01-30 09:53 GMT
एजेंट व बीमा कंपनी के अधिकारियों द्वारा आम लोगों को बनाया जा रहा शिकार

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। इंश्योरेंस कंपनियाँ किस तरह से आम लोगों के साथ धोखा कर रही हैं इसका खुलासा रोजाना बीमा कराने वाले पॉलिसी धारक कर रहे हैं। सारे दस्तावेज होने के बाद भी किसी न किसी तरह से बीमित व उसके परिजनों को परेशान किया जा रहा है। दस्तावेज दोबारा सत्यापित कराकर माँगे जा रहे हैं और उसके बाद अचानक नो क्लेम का लेटर बीमा कंपनी के जिम्मेदार भेज रहे हैं। नो क्लेम के कारणों को जानने के लिए बीमा कंपनी में पॉलिसी धारक संपर्क करता है तो उसे किसी तरह से सही उत्तर नहीं दिया जाता है। बीमित के परिजन ई-मेल करते हैं तो उसका भी जवाब नहीं भेजा जा रहा है। पॉलिसी धारक अब माँग करने लगे हैं कि हर हाल में बीमा कंपनी के जिम्मेदारों के विरुद्ध जालसाजी का मामला दर्ज किया जाए। मामला दर्ज होने पर ही बीमा कंपनी के अधिकारी आम लोगों के साथ सही न्याय करेंगे।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ 

स्वास्थ्य बीमा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

वर्षों पुरानी पॉलिसी धारकों के साथ किया जा रहा गोलमाल

मेरठ निवासी अविनाश कुमार ने अपनी शिकायत में बताया कि वह स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से लंबे समय से पॉलिसी कराते आ रहा है। पॉलिसी में उसकी माँ का भी नाम है और प्रीमियम भी प्रतिवर्ष जमा हो रहा है। पॉलिसी क्रमांक पी/ 161135/01/2022/002763 का कैशलेस कार्ड भी बीमा कंपनी के द्वारा दिया गया था। उसकी माँ श्रीमती पूनम का अचानक स्वास्थ्य खराब हो गया था। बीमारी के कारण उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। उक्त अस्पताल बीमा कंपनी से लिंक्ड है और अस्पताल से कैशलेस के लिए मेल किया गया पर बीमा अधिकारियों के द्वारा कैशलेस से इनकार कर दिया गया। बीमित ने काफी प्रयास किया पर जिम्मेदार किसी न किसी तरह से टरका रहे थे। पीड़ित ने दैनिक भास्कर में मामले की शिकायत की और जब मामले की पड़ताल शुरू की गई तो बीमा अधिकारी पॉलिसी धारक को कैशलेस की सुविधा देने राजी हो गए। बीमा कंपनी के अधिकारी पूर्व में उक्त रिपोर्ट का अवलोकन कर चुके थे और उसे मानने के लिए तैयार नहीं थे और बाद में वही रिपोर्ट सही मानी। बीमितों का आरोप है कि आम लोगों के साथ बीमा कंपनियाँ गोलमाल करने में पीछे नहीं हैं।

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