लैब टेक्नीशियन से 8 हजार की रिश्वत लेते पकड़ाया लिपिक

आय से अधिक संपत्ति के मामले के आरोपी लिपिक पर असफरों की मेहरबानी लैब टेक्नीशियन से 8 हजार की रिश्वत लेते पकड़ाया लिपिक

Bhaskar Hindi
Update: 2022-09-19 13:40 GMT

डिजिटल डेस्क,कटनी। सीएमएचओ कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड-3  राहुल मिश्रा को 8 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त जबलपुर पुलिस ने धर-दबोचा। यह कार्यवाही ऑफिस खुलते ही की गई। बड़वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में लैब टेक्नीशियन के पद पर पदस्थ संदीप यादव से समयमान वेतनमान लगाने के एवज में लिपिक ने रुपए की मांग की थी। 8 माह से लिपिक के द्वारा टालमटोल रवैया अपनाया जा रहा था। जिससे परेशान होकर पीडि़त ने इसकी शिकायत जबलपुर लोकायुक्त से की थी। सोमवार को जैसे ही पीडि़त 8 हजार रुपए लिपिक को दिया। उसी समय लोकायुक्त की टीम ने लिपिक को पकड़ लिया। टीम में निरीक्षक स्वप्निल दास, मंजू तिरकी, प्रधान आरक्षक अमित मंडल, विजय विष्ट, आरक्षक पंकज तिवारी शामिल रहे।    

हर कर्मचारी से फिक्स रहा रेट

कर्मचारियों को समयमान वेतनमान देने के लिए यहां पर एक रेट फिक्स कर दिया गया था। पूछताछ में यह बात सामने आई कि अधिकतम तीन हजार रुपए लेने का काम किया जा रहा था, लेकिन बड़वारा में पदस्थ लैब टेक्नीशियन से अधिक कमाई के लालच में सीधे-सीधे 5 हजार रुपए की बढ़ोत्तरी कर दी गई। पीडि़त इस बात की दुहाई देता रहा कि उसकी आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि वह इतने अधिक रुपए दे सके। इसके बावजूद लिपिक ने दो टूक कह दिया था कि समयमान वेतनमान का लाभ लेना हो तो फिर उसे 8 हजार रुपए देनें पड़ेंगे।  

कार्यवाही के दौरान रहा सन्नाटा

लोकायुक्त पुलिस की कार्यवाही के दौरान सीएमएचओ कार्यालय में सन्नाटा पसरा रहा। यहां तक की ऑफिस खुलने के बाद भी कई कक्षों में ताला लटका रहा। अधिकांश कर्मचारी जो ऑफिस में काम-काज के लिए पहुंचते रहे। लोकायुक्त की कार्यवाही चलने से वे दबे पांव ही वापस चले गए। दोपहर बाद ही कई शाखाओं में कर्मचारी पहुंचे। इस कार्यवाही का असर अन्य जगहों पर भी दिखाई दिया।

आय से अधिक संपत्ति के मामले के आरोपी लिपिक पर असफरों की मेहरबानी

सीएमएचओ कार्यालय कटनी में पदस्थ लिपिक राहुल मिश्रा के लोकायुक्त में ट्रैप होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की वह मेहरबानी सामने आई है। जिसमें आय से अधिक संपत्ति के मामले में जो लिपिक पहले से ही पुलिस की रडार में रहा। उसे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पेंशन शाखा जैसे महत्वपूर्ण शाखा की कमान सौंप दी थी। वर्ष 2018 में राहुल मिश्रा के विजयराघवगढ़ आवास में आय से अधिक संपत्ति मिलने पर पुलिस ने छापा मारा था, फिलहाल चालान पेश नहीं किया गया है। दरअसल स्वास्थ्य विभाग अरसे से अनियमितता के गढ़ के रुप में जाना जाता है। यहां पर सामान्य जनों की बात तो छोड़ दी जाए। लेन-देन इस तरह से हावी है कि विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अपने अधिनस्थ कर्मचारियों को भी नहीं छोड़ रहे हैं।  

सीएस कार्यालय में मूलपदास्थापना  

राहुल मिश्रा की मूलपदास्थापना सिविल सर्जन कार्यालय में रही। यहां पर नर्सिंग का काम उक्त लिपिक को सौंपा गया था। इसके बावजूद  जुगाड़ की व्यवस्था अपनाते हुए यह सीएमएचओ कार्यालय में आ गया। यहां पर भी इसका जलजला कायम रहा। लेखा शाखा का अधिकांश कार्य यही लिपिक करता रहा। सभी कर्मचारियों को समयमान-वेतनमान का लाभ देने के लिए अफसरों ने उसी दागी लिपिक को चुना, जो पहले से ही स्वास्थ्य विभाग की किरकिरी करा चुका था।

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