शिमला: मुख्यमंत्री ने शहीद स्मारक का लोकार्पण किया

शिमला: मुख्यमंत्री ने शहीद स्मारक का लोकार्पण किया

Bhaskar Hindi
Update: 2020-07-27 10:38 GMT
शिमला: मुख्यमंत्री ने शहीद स्मारक का लोकार्पण किया

डिजिटल डेस्क,शिमला। No. 998/2020-PUB 26th July 2020 मुख्यमंत्री ने शहीद स्मारक का लोकार्पण किया मुख्यमंत्री ने कारगिल विजय दिवस कार्यक्रम में वीडियो काॅंफ्रेंसिंग के माध्यम से हिस्सा लिया मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर आज जिला मण्डी में आयोजित कार्यक्रम में शिमला से वीडियो काॅंफ्रेंसिंग के माध्यम से हिस्सा लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मण्डी स्थित इन्दिरा मार्केट में 15 लाख रुपये की लागत से निर्मित शहीद स्मारक का लोकार्पण किया। यह शहीद स्मारक 1962, 1965, 1971 तथा 1999 में कारगिल शहीदों को समर्पित किया गया है। इस युद्ध स्मारक पर सभी शहीदों के नाम अंकित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस शहीद स्मारक के चरण-2 का कार्य भी शुरू किया जाएगा। जयराम ठाकुर ने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि यह दिन उन शहीदों के प्रति समर्पित है, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की दृढ़ इच्छाशक्ति और मजबूत नेतृत्व में भारत के सैनिकों ने कारगिल में पाकिस्तान के नापाक मंसूबों का करारा जवाब दिया। 26 जुलाई का दिन हर वर्ष सम्पूर्ण देश में कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश का इतिहास अपने सैनिकों के पराक्रम, वीरता, शौर्य और बलिदानों के लिए जाना जाता है। कारगिल संघर्ष में देश के वीरों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया। आॅपरेशन विजय में हिमाचल के वीर जवानों ने अपना शौर्य प्रदर्शित किया और इसके दौरान प्रदेश के 52 बहादुर सैनिक शहीद हुए। आज तक प्रदेश के 1096 वीर सपूतों को वीरता पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। प्रदेश के 1246 वीर सपूतों ने अपनी मातृ भूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। स्वतंत्र भारत का पहला सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र प्राप्त करने वाले मेजर सोमनाथ शर्मा हिमाचल के ही थे। कारगिल युद्ध में हिमाचल प्रदेश के शहीद कैप्टन विक्रम बत्तरा को मरोणोपरान्त और राइफर मैन संजय कुमार को परमवीर चक्र प्राप्त हुआ। जयराम ठाकुर ने कहा कि कारगिल युद्ध में 52 शहीद सैनिकों के परिजनों को पांच-पांच लाख की वित्तीय सहायता के अतिरिक्त 44 शहीदों के परिवारों में से एक-एक आश्रित को सरकारी रोजगार प्रदान किया गया है। इस युद्ध में अपंग हुए सैनिकों को वित्तीय सहायता भी प्रदान की गई है तथा नौ अपंग हुए सैनिकों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पूर्व सैनिकों की सेना में सेवा अवधि के आधार पर वेतन लाभ प्रदान किए हैं। सरकार द्वारा सेवानिवृत सैनिकों के बैकलाॅग कोटे को भरने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। पालमपुर स्थित सौरभ वन विहार का जीर्णोंद्धार किया जाएगा जिसके लिए पर्याप्त धन राशि उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सैनिक कल्याण बोर्ड को सुदृढ़ बनाया जाएगा ताकि सेवा निवृत्त सैनिकों के कल्याण के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं। जयराम ठाकुर ने कहा कि भारत की वीर गाथाओं से आने वाली पीढ़ियां प्रेरणा लें, इसकी बहुत आवश्यकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी देश के लोगों से आग्रह किया है कि ऐसी बड़ी घटनाओं की आने वाली पीढ़ियों को जानकारी प्रदान की जाए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वीडियो काॅंफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े लोगों को देश के गौरवमयी इतिहास की रक्षा के लिए पूर्ण रूप से समर्पित होने की शपथ दिलाई। सैनिक कल्याण और जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के वीर सैनिकों ने हर युद्ध के दौरान देश की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। उन्होंने कहा कि सरकाघाट के बरच्छवाड़ में प्रदेश के युवाओं को सेना में भर्ती के लिए राज्य स्तरीय प्री-कोचिंग अकादमी की स्थापना की जा रही है। सांसद व प्रदेश भाजपाध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि हर सैनिक देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने के लिए हमेशा तत्पर रहता है। प्रदेश सरकार ने सैनिकों के कल्याण के लिए निरन्तर प्रयास किए हैं। सांसद राम स्वरूप शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश वीर भूमि है। प्रदेश के सैनिकों ने हर युद्ध के दौरान राज्य का नाम रोशन किया है। प्रदेश में सैनिकों व पूर्व सैनिकों के परिवारों को कोई समस्या न हो, इसके लिए दृढ़ प्रयास किए जा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश पूर्व सैनिक निगम के अध्यक्ष बिग्रेडियर खुशहाल ठाकुर ने मण्डी में शहीद स्मारक स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के वीर सैनिकों की शौर्य और पराक्रम %A

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