प्रदेश के सात जिलों के साथ पन्ना में स्क्रब टायफस बीमारी के प्रकरण दर्ज। 

कोरोना के बीच स्क्रब टायफस को लेकर जिले में अलर्ट जारी प्रदेश के सात जिलों के साथ पन्ना में स्क्रब टायफस बीमारी के प्रकरण दर्ज। 

Bhaskar Hindi
Update: 2022-04-21 14:27 GMT
प्रदेश के सात जिलों के साथ पन्ना में स्क्रब टायफस बीमारी के प्रकरण दर्ज। 

डिजिटल डेस्क,पन्ना। स्क्रब टायफस के प्रकरण प्रदेश के सात जिलों सतना, दमोह, सीधी, सिंगरौली, बालाघाट, जबलपुर के साथ पन्ना में दर्ज किए गए हैं। जिसके बाद इस बीमारी को लेकर जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में अलर्ट जारी किया गया है तथा चूहों से होने वाली इस बीमारी के संबध में जन सामान्य को जानकारी देकर आवश्यक सुरक्षात्मक उपाय करने और लक्षण होने पर स्वास्थ्य जांच कराने की सलाह दी गई है। स्वास्थ्य महकमा बीमारी को लेकर विशेष सावधानी बरत रहा है। जिला कलेक्टर ने बताया कि स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान जबलपुर लैब द्वारा जांच में जिन जिलों में स्क्रब टायफस के प्रकरण दर्ज किए गए हैं उनमें पन्ना जिला भी शामिल है। यह बीमारी ओरियेन्टा सुत्सुगैमुसी नाम जीवाणु से होती हैं। यह जीवाणु चूहों के ऊपर रहने वाले माइट (घुन) के संक्रमित लार्वा से होती हैं। मनुष्य को चूहों पर रहने वाले माइट (घुन) के ओरियेन्टा सुत्सुगैमुसी नाम जीवाणु से संक्रमित लार्वा मनुष्य के जिस स्थान पर काटता हैं वहां पर दाना उठता है जो बाद में जख्म बनकर सुखने के बाद काला धब्बे के समान दिखाई देने लगता हैं और साथ ही बुखार, सिरदर्द, जोड़ एवं मांस पेशियों में दर्द, प्रकाश की तरफ देखने में तकलीफ, खांसी, शरीर के कुछ भागों में दाने निकल आते हैं। कुछ लोगों को बीमारी का प्रभाव बढऩे से निमोनिया एवं मस्तिष्क ज्वर भी हो जाता हैं। इस बीमारी के लक्षण 02 सप्ताह तक रह सकते हैं। स्क्रब टाइफस बीमारी की पुष्टि एलाईजा टेस्ट द्वारा आई.सी.एम.आर. जबलपुर लैब में उपलब्ध जांच रक्त के सेम्पल से की जाती है। 

बीमारी से रोकथाम हेतु रखें यह सावधानी-

स्क्रब टायफस बीमारी से बचाव हेतु स्वास्थ्य प्रशासन द्वारा कुछ जरूरी सावधानियां बरतने को कहा गया है कि खाने-पीने की वस्तुओं को चूहों की पहुंच से दूर रखे, यदि खाद्य पदार्थ चूहों के सम्पर्क में आया हो तो उसका सेवन नही करना चाहिए। घर के आस-पास चूहों की आबादी बढऩे से रोकने के लिए स्थानीय उपाय करें। खेत, जंगल-झाडिय़ों में जब भी जाये तो पूरे कपड़े पहन कर जायें। घास-फूंस एवं झाडिय़ों पर बैठे या सोये नही तथा घर के आस-पास की घास फूंस एवं झाडिय़ों को काट कर जला देवें। शरीर को साबुन से धोये और मोटे कपड़े से रगड़ कर साफ  करें। शरीर पर सिगरेट के जले जैसे दिखने वाले चिन्ह, सिर दर्द, शरीर दर्द, जोड़ो एवं मांस-पेशियों में दर्द, तेज बुखार एवं उल्टी-दस्त के लक्षण होने पर तत्काल चिकित्सक को दिखाए। 

कलेक्टर ने विभाग को सौंपी जिम्मेदारी-

जिले में स्क्रब टायफस के प्रकरणों की पुष्टि होने की जानकारी के बाद जिला कलेक्टर संजय कुमार मिश्र द्वारा इस संबध में अलर्ट जारी किया गया है साथ ही साथ स्क्रब टायफस के उपचार व रोकथाम हेतु विभागवार उत्तदायित्व निर्धारित किए गए हैं। सीएमएचओ को फील्ड सर्वे कार्य सुनिश्चित कराने, स्क्रब टायफस के संभावित मरीज मिलने पर संभावित ग्राम का नियमित सर्विंलांस कराने एवं उच्च अधिकारी को तत्काल सूचित करने, उनकी सैम्पलिंग करवाकर आईसीएमआर जबलपुर लैब भिजवाने, प्राथमिक उपचार सुनिश्चित कराने तथा प्राथमिक उपचार से अधिकारियों को जिला चिकित्सालय एवं समस्त सीएचसी, पीएचसी में उपलब्धता सुनिश्चित करने, मैदानी स्वास्थ्य कर्मियों में स्क्रब टायफस बीमारी से संबधित लक्षण, रोकथाम एवं उपचार की जानकारी हेतु प्रशिक्षण दिलवाये जाने के संबध में निर्देशित किया गया है। उपसंचालक पशु चिकित्सा को निर्देश दिए गए हैं कि सीएमएचओ से समन्वय स्थापित कर ग्रसित क्षेत्रों में चूहों की आबादी बढने से रोकने के लिए आवश्यक कार्यवाही करें। फूड एण्ड ड्रग सेफ्टी आफीसर को निर्देश दिए गए हैं कि ग्रसित क्षेत्रों में होटल एवं रेस्टोरेंट का अवलोकन करें एवं खाने-पीने की वस्तुओं को चूहों की पहुंच से दूर रखवाना सुनिश्चित करें। आवश्यकता पडने पर सैम्पिलिंग करवायें, भोज्य पदार्थों को खुले में रखना प्रतिबंधित करें। मुख्य नगर पालिका अधिकारी पन्ना को निर्देश दिए गए हैँ कि ग्रसित क्षेत्रों के चूहों की संख्या कम करने हेतु क्षेत्र की साफ-सफाई एवं चूहों की आबादी नियंत्रण हेतु आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें।
 

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