सौमैया का ऐलान - आगामी 31 दिसम्बर तक 40 बड़े नेताओं के भ्रष्टाचार करेंगे उजागर
बुलढाणा सौमैया का ऐलान - आगामी 31 दिसम्बर तक 40 बड़े नेताओं के भ्रष्टाचार करेंगे उजागर
डिजिटल डेस्क, बुलढाणा। गत कुछ माह में महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार ने भ्रष्टाचार की परम सीमा की है। मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे सरकार में कार्यरत दर्जनों मंत्री विभिन्न भ्रष्टाचार में लिप्त है। उनमें से कई मंत्री जेल की हवा खा रहे हैं तथा कुछ जांच के भंवर में फंसे हैं। आगामी 31 दिसम्बर तक महाराष्ट्र के चालीस बड़े नेताओं के भ्रष्टाचार उजागर होगे। इसी के चलते मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अलीबाबा व उनके चालीस मंत्री चोर होने का गंभीर आरोप भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमय्या ने पत्रकार परिषद में लगाया। स्थानीय भाजपा जनसंपर्क कार्यालय में शुक्रवार को आयोजित पत्रकार परिषद में वह बोल रहे थे। हाल ही में स्थानीय बुलढाणा अर्बन क्रेडिट सोसाइटी में आयकर विभाग द्वारा हुई जांच पश्चात सत्यता की पड़ताल हेतु किरीट सोमय्या बुलढाणा जिले दौरे पर आए थे। महाराष्ट्र राज्य को घोटाले से मुक्त करना ही मेरा एजेंडा है। मैं आम जनता के लिए कार्य कर रहा हूं। मेरा किसी से व्यक्तिगत विवाद नहीं है। किंतु, जनता के रूपयों का अनुचित लाभ उठानेवाले भ्रष्टाचार में लिप्त राजनीतिक नेताओं का असली चेहरा आम जनता के सामने लाने का प्रयास है। औरंगाबाद के शिवसेना नेता अर्जुनराव खोतकर के कारखाने के साथ ही उस कारखाने के फाइनान्स पार्टनर तापड़िया व मुले के कामकाज की जांच करें, ऐसी मेरी मांग है।
इसके अलावा लातूर बैंक संदर्भ में कार्रवाई हेतु सभी दस्तावेज हमारे पास है, जल्द ही इस बारे में जांच की मांग की जाएगी। हमारा मूल उद्देश्य राजनीतिक दलों में फैले भ्रष्टाचार की गंदगी को उजागर कर, सरकार को भ्रष्टाचार में लिप्त राजनीतिक नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए बाध्य करना, इतना ही है। एक सवाल के जबाब में उन्होंने बताया कि, पेट्रोल-डीजल की मूल्यवृध्दि के बारे में मुंबई भाजपा ने आंदोलन शुरू किया है। पेट्रोल के एक लीटर पर महाराष्ट्र सरकार 30 रूपये टैक्स वसूल करती है। केंद्र सरकार इससे कम टैक्स वसूल करती है।
महाराष्ट्र सरकार ने टैक्स कम वसूल करने पर ग्राहकों को 79 रूपये प्रति लीटर पेट्रोल मिल सकता है। वर्तमान स्थिति में समूचे राज्य में एसटी कर्मचारियों का आंदोलन शुरू है, किंतु सरकार उनकी मांगों की ओर अनदेखी कर उन्हें नौकरी से निकाल रही है; उन्हें जेल में डाला जा रहा है। यह सरकार की ज्यादती है।