सातवीं बेटी होने पर जिंदा कर दिया दफन

सातवीं बेटी होने पर जिंदा कर दिया दफन

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-18 05:57 GMT
सातवीं बेटी होने पर जिंदा कर दिया दफन

डिजिटल डेस्क, यवतमाल। सरकारों और सामाजिक संस्थाओं की लाख कोशिशों के बावजूद बेटियों को बोझ समझने की कुप्रवृत्ति में खास बदलाव नहीं आ पाया है। इसका ताजा उदाहरण यवतमाल की घाटंजी तहसील के करमना गांव में देखने को मिला। जहां बेटे की आस लगाए बैठे दंपति को जब सातवीं बार भी बेटी हुई तो उसे जंगल में गड्ढा खोदकर दफना दिया गया। शिकायत मिलने पर पुलिस ने नवजात के शव को बरामद कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। 

पुलिस के अनुसार, करमना गांव निवासी अशोक श्यामराव शिंदे की छह बेटियां हैं। बीती 28 मई को उसकी पत्नी ने एक और बालिका को जन्म दिया। पैदाइश के समय नवजात की सेहत बिल्कुल ठीक थी, लेकिन 25 जून को उसकी मौत होने की बात कहकर जंगल में दफना दिया गया। ग्रामीणों को शक होने पर प्रकरण की शिकायत घाटंजी पुलिस से की गई। जिसके बाद थानेदार, डॉक्टर, नायब तहसीलदार राठोड और पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस ने 27 जून को मौके पर पहुंचकर बच्ची का शव गड्‌ढे से निकाला। पुलिस फिलहाल पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के इंतजार में है ताकि मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा सके।

 

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