किसानों ने भरी हुंकार, कृषि कानून रद्द करने की मांग कर निकाली बैलगाड़ी रैली
किसानों ने भरी हुंकार, कृषि कानून रद्द करने की मांग कर निकाली बैलगाड़ी रैली
डिजिटल डेस्क, माजलगांव। किसान आंदोलन की आवाज दिल्ली से महाराष्ट्र तक पहुंच गई है। राज्य के किसान सिंघु और गाजीपुर में डटे किसानों की सपोर्ट में आ गए हैं। इसी कड़ी में शेतकरी संघर्ष समिति ने आनंदगांव से माजलगांव तक बैलगाड़ी मार्च निकाला। जिसमें किसानों ने 20 किलोमीटर का सफर तय कर कृषि कानूनों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया।
देश के अलावा दुनियाभर की बात करें तो नए कृषि क़ानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन को लेकर कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे मुल्कों में प्रवासी भारतीय किसानों के पक्ष में रैलियां कर रहे हैं। ब्रिटेन की संसद में एक बार फिर आंदोलन की गूंज सुनाई दी है। लेबर पार्टी के ब्रिटिश सिख सासंद तनमनजीत सिंह ढेसी ने किसान आंदोलन और पत्रकार की कथित गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया। जिसके जबाव में विदेश कार्यालय में एशिया मामलों के मंत्री निगेल एडम्स ने हस्तक्षेप करने से साफ इनकार किया। उन्होंने भारत को ब्रिटेन का करीबी देश बताया।
उधर हरियाणा के बहादुरगढ़ में किसान नेता टिकैट ने जमकर गरजे। उन्होंने महापंचायत में कहा कि हम देशभर में मार्च निकालेंगे। भारत आजाद है, लेकिन गुजरात के लोग कैद में हैं। वे आंदोलन में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। टिकैत ने कहा कि अब कृषि कानूनों की वापसी होने पर ही घर वापसी करेंगे। अपना मंच और पंच नहीं बदलेंगे। सिंघु बॉर्डर हमारा ऑफिस बना रहेगा। सरकार चाहे तो हम बात करने को भी तैयार हैं।
किसान नेता गंगभिषण थावरे के नेतृत्व में 50 बैलगाड़ियों सहित किसानों का जत्था सड़क पर उतरा। इस दौरान केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। किसानों ने कृषि कानून रद्द करने की मांग को लेकर ज्ञापन प्रशासन को सौंपा।