बीटीआर - बफर जोन में अब आसमान से पर्यटन का रोमांच , वन मंत्री ने की पैरासेलिंग की शुरुआत

बीटीआर - बफर जोन में अब आसमान से पर्यटन का रोमांच , वन मंत्री ने की पैरासेलिंग की शुरुआत

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-26 12:06 GMT
बीटीआर - बफर जोन में अब आसमान से पर्यटन का रोमांच , वन मंत्री ने की पैरासेलिंग की शुरुआत

डिजिटल डेस्क शहडोल/उमरिया । बांधवगढ नेशनल पार्क अब पर्यटकों के लिए और भी रोमांच भरा रहेगा। यहां के प्राकृतिक नजारे और खूबसूरती का लुत्फ अब आसमान में उड़क भी उठाया जा सकेगा। राज्य शासन की बफर में सफर कार्यक्रम के तहत बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के बफर जोन में पैरासेलिंग की शुरुआत की गई है।
वन मंत्री कुंवर विजय शाह ने शुक्रवार को सुबह 6 बजे बफन जोन के रहना स्कूल से हाट एयर बलून से उड़ान भरी। उनके साथ बीटीआर के डायरेक्टर विन्शेट रहीम भी थे। बांधवगढ़ नेशनल पार्क हाट एयर वैलून से पर्यटन की सुविधा उपलब्ध कराने वाला प्रदेश का पहला पार्क है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश में पर्यटन को बढ़ाने के लिए 24 नवंबर को ताला में वन एवं पर्यटन विभाग की कैबिनेट आयोजित कर स्थानीय युवाओं को रोजगार से जोडऩे का निर्णय लिया था। एक माह के अंतराल में यह सुविधा प्रारंभ हो जाने से स्थानीय युवाओं एवं गाईडों में प्रसन्नता देखी गई। वन मंत्री श्री शाह ने बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्रों में शुक्रवार से नाइट सफारी प्रारंभ करने की घोषणा भी की। इसके शुरू होने सेे पर्यटकों को सूर्यास्त के बाद भी बफर क्षेत्रों में सफारी की सुविधा मिल सकेगी। इसके लिए दर वही रहेगी जो दिन के लिए तय की गई है
कोर एरिया में लैंडिंग नहीं
बांधवगढ़ के कोर क्षेत्र में इसकी लैंडिंग नहीं होगी। साथ ही टाईगर रिजर्व प्रबंधन के नियम एवं शर्तों का पालन अनिवार्य होगा। हॉट एयर बलून (पैरासेलिंग) का संचालन एक निजी कंपनी द्वारा किया जाएगा। एक बार में एक सांथ 8 लोग बैठ सकेंगे।  बलून की सवारी करने के लिये प्रत्येक पर्यटक को 14 हजार रुपये खर्च करने होंगे। हालांकि अभी इसकी कीमत का स्पष्ट तौर पर खुलासा नहीं किया गया है। उल्लेखनीय है कि बांधवगढ़ में नए साल के जश्न की तैयारी शुरू हो चुकी है। आगामी दो जनवरी तक ऑनलाइन की सारी टिकटें फुल हैं। वर्तमान में 147 गाडिय़ां सुबह शाम भीतर सफारी में जा रही हैं। ऐसे में पर्यटकों को गुब्बारे के माध्यम से पर्यटन का एक अतिरिक्त विकल्प मिलेगा। माना जा रहा है कि इससे स्थानीय पर्यटन कारोबारियों को लाभ होगा।

 

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