लॉक डाउन - मॉस्क पहनकर दूल्हा, दुल्हन ने लिए सात फेरे - बौद्ध रिति-रिवाज से हुआ विवाह
लॉक डाउन - मॉस्क पहनकर दूल्हा, दुल्हन ने लिए सात फेरे - बौद्ध रिति-रिवाज से हुआ विवाह
डिजिटल डेस्क बालाघाट। कोविड-19 से निपटने किये गये लॉक डाउन के बाद बालाघाट नगर में आज पहला विवाह बालाघाट नगरीय क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 11 निवासी पीडब्ल्युडी में मानचित्रकार अशोक गेडाम के पुत्र कपिल गेडाम और रजेगांव निवासी मनोहर कामड़े की सुपुत्री रंजीता का विवाह बौद्ध रिति-रिवाज से कोविड-19 से निपटने बताये गये नियमों और लॉक डाउन का पालन करते हुए किया गया। इस दौरान दूल्हा-दुल्हन के साथ घराती और बाराती भी मॉस्क पहने रहे। बुढ़ी स्थित कर्मचारी भवन कार्यालय में सादगी से विवाह संपन्न कराया गया। जिसमें वर पक्ष की ओर से 12 और वधु पक्ष की ओर से 11 पारिवारिक और परिचित सदस्यों ने नवयुगल दंपत्ति को आशीर्वाद और शुभकामनाये दी।
गौरतलब हो कि बालाघाट निवासी अशोक गेडाम और श्रीमती ललिता गेडाम के सुपुत्र कपिल गेडाम का विवाह रजेगांव निवासी मनोहर कामड़े और श्रीमती ललिता कामड़े की सुपुत्री रंजीता के साथ फरवरी 2020 में तय हुआ था। उस दौरान दोनो ही परिवार बड़े धूमधाम के साथ बेटा और बेटी का विवाह करने वाले थे, किन्तु मार्च में वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण किये गये लॉक डाउन के कारण परिवार के विवाह कराने की सारी तैयारी धरी की धरी रह गई। अंतत: दोनो ही परिवार ने समझदारी दिखाते हुए तय तिथि 10 मई को कोविड-19 से निपटने किये गये लॉक डाउन और सावधानी को लेकर जागरूकता दिखाते हुए बेटे और बेटी का विवाह सादगीपूर्ण तरीके से कराया गया।
दोनो ने ही परिवार ने कहा कि लॉक डाउन के बाद बच्चों के विवाह की चिंता स्वभाविक थी किन्तु आपसी समझदारी से परिवार ने तय तिथि में ही विवाह कराने का संकल्प लेकर आज सादगीपूर्ण माहौल में विवाह कराया। यह विवाह उन्हें ताउम्र याद रहेगा। वहीं सादगीपूर्ण इस विवाह से नवविवाहित जोड़े भी खुश दिखाई दिये। इस दौरान वर और वधु पक्ष की ओर से विवाह कार्यक्रम में मौजूद रिश्तेदार और परिचितों ने उन्हें शुभकामनायें दी।