कोविड गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर मारपीट व शारीरिक दंड नहीं दिया जाए
कोविड गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर मारपीट व शारीरिक दंड नहीं दिया जाए
डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने कहा है कि कोविड गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर आम लोगों से मारपीट या शारीरिक दंड नहीं दिया जाए। कोविड गाइडलाइन का पालन करने के लिए काउंसलिंग कर समझाइश दी जाए। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने कहा है कि याचिकाकर्ता अपनी शिकायत के संबंध में कलेक्टर इंदौर के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत करें। कलेक्टर दो माह में अभ्यावेदन का निराकरण करेंगे।
इंदौर निवासी अधिवक्ता अरुण सिंह चौहान की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि कोविड गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर आम लोगों के साथ मारपीट की जा रही है। इसके साथ ही अपमानित महसूस करने वाले शारीरिक दंड दिए जा रहे हैं। याचिका में कहा गया कि पिछले दिनों कोविड गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर तहसीलदार ने एक व्यक्ति को मेढ़क की तरह उचकने की सजा दी। जब वह व्यक्ति मेढ़क की तरह नहीं उचक पाया तो तहसीलदार ने उसे पीछे से लात मार दी। याचिका में तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई करने की माँग की गई थी। डिवीजन बैंच ने याचिका का निराकरण करते हुए कहा कि हाईकोर्ट पहले ही निर्देश जारी कर चुकी है कि कोविड गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर आम लोगों से मारपीट या शारीरिक दंड नहीं दिया जाए। इस मामले में कलेक्टर को अभ्यावेदन देने का निर्देश दिया गया है।