राजस्थान की चुनावी कसौटी पर नागपुर के धुरंधर, संभाल रहे हैं बड़ी जिम्मेदारी
राजस्थान की चुनावी कसौटी पर नागपुर के धुरंधर, संभाल रहे हैं बड़ी जिम्मेदारी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव में नागपुर का नेतृत्व कसौटी पर रहेगा। भाजपा सत्ता में लौटेगी या कांग्रेस को सत्ता मिलेगी यह तो 11 दिसंबर को ही तय हो पाएगा। फिलहाल जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं उनमें राजस्थान भी शामिल हैं जहां की राजनीति सबसे अधिक गर्मायी सुनी जा रही है। उसमें भी नागपुर के नेतृत्व को लेकर चर्चाएं चलने लगी है। दरअसल, राजस्थान में भाजपा ने सत्ता कायम रखने की कवायद में संगठन की जिम्मेदारी संभालने के लिए वी. सतीश व कांग्रेस ने माइक्रो चुनावी प्लानिंग करने के लिए अविनाश पांडे को काम पर लगाया है। ये दोनों नेता नागपुर के हैं। संगठन मामले में दोनों अपनी अपनी पार्टी के लिए राजनीतिक चाणक्य साबित होते रहे हैं। राजस्थान में 200 सीटों के लिए 7 दिसंबर को मतदान किए जाएंगे।
संघ कैडर के हैं वी.सतीश
वी.सतीश भाजपा के सह संगठन मंत्री हैं। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कैडर कार्यकर्ता हैं। उनका जन्म नागपुर में हुआ। आरंभिक शिक्षा भी यहीं हुई। बाद में वे परभणी में गए। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लिए भी उन्होंने कहा किया। संघ के विचारों के अनुरुप राजनीति में शामिल होकर उन्होंने अपनी अलग पहचान बनायी। संगठन व सत्ता के बीच समन्वय की खूबियांे को देखते हुए उन्हें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी में सह संगठन मंत्री की जिम्मेदारी दी। इससे पहले उन्होंने कर्नाटक के बंगलुरु में भी संगठनात्मक जिम्मेदारी संभाली। भाजपा सूत्र के अनुसार वी.सतीश की भाजपा के कुछ शीर्ष नेताओं के साथ अच्छी अंडर स्टैंडिंग हैं। स्थानीय स्तर पर संगठन में उठनेवाले विवादाें को वे दूर कर देते हैं। चुनाव तैयारी के तहत उन्हें जब राजस्थान भाजपा का प्रभारी बनाया गया उस समय वह जिम्मेदारी सौदानसिंह संभाल रहे थे।
सौदानसिंह के समय सत्ता व संगठन में कुछ स्तर पर समन्वय कम होने लगा था। वी.सतीश ने महाराष्ट्र बेस के नेता व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के सहयोग से राजस्थान में कम समय में संगठन कार्य को गति दी। बूथ संपर्क महा अभियान के माध्यम से 51 हजार बूथ समितियों का पुनर्गठन कराया। अब बूथ के बल पर ही सत्ता में लौटने का दावा किया जा रहा है। राजस्थान चुनाव को लेकर भाजपा की संगठनात्मक रणनीति की प्रमुख जिम्मेदारी वी.सतीश व जावडेकर ही संभाल रहे हैं।
पांडे भी बूथ प्लानर
कांग्रेस के महासचिव अविनाश पांडे लंबे समय से संगठनात्मक जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। नागपुर से विधायक व राज्यसभा सदस्य रहे हैं। नागपुर में विद्यार्थी राजनीति से जुड़े रहे श्री पांडे कांग्रेस में सोनिया गांधी व राहुल गांधी की विश्वासु टीम में गिने जाते हैं। वे पहले भी राजस्थान में चुनाव की संगठनात्मक जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। 2013 के विधानसभा चुनाव में वे विधानसभा निरीक्षक थे। उन्होंने गुजरात, असम, पूर्वोत्तर के राज्यों के अलावा उत्तराखंड व उत्तरप्रदेश में भी चुनाव के दौरान संगठन की जिम्मेदारी संभाली है। पिछले एक वर्ष से वे राजस्थान में विशेष तौर से सक्रिय हुए हैं। बूथ स्तर पर संगठन कार्य को गति दी है। सितंबर में उन्होंने एक बड़ा आरोप लगाया था। राजस्थान में बोगस मतदाता का मामला चर्चा में लाया था।
उनका आरोप था कि एक ही मतदाता का नाम 5 से 100 जगह तक दर्ज कराया गया है। खासकर उन स्थानों पर मतदाता सूची में गड़बड़ी करायी गई है जहां भाजपा का प्रभाव कम हुआ है। इस पूरे मामले को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने वकीलों की टीम पर काम पर लगाया। कांग्रेस नेतृत्च ने श्री पांडे के संगठन कार्य की सराहना विविध मंचों से की। श्री पांडे को विश्वास है कि इस बार राजस्थान में कांग्रेस सत्ता में लौटेगी। दैनिक भास्कर से चर्चा में वे राजस्थान की सरकारी स्वास्थ्य सेवा के मामले का जिक्र करते हुए कहते हैं कि जनता काफी परेशान है। भाजपा को इस चुनाव में करारा जवाब मिलेगा।