इलाज के वक्त पता चला एसबीआई जनरल ने परिवार के सदस्यों का नाम नहीं जोड़ा

जबलपुर इलाज के वक्त पता चला एसबीआई जनरल ने परिवार के सदस्यों का नाम नहीं जोड़ा

Bhaskar Hindi
Update: 2023-02-11 11:53 GMT
इलाज के वक्त पता चला एसबीआई जनरल ने परिवार के सदस्यों का नाम नहीं जोड़ा

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। आम आदमी बीमा कंपनियों के गोलमाल के सामने घुटने टेकने मजबूर हो गए हैं। अस्पताल में कैशलेस नहीं किया जाता है और बिल सबमिट करने पर किसी न किसी तरह की खामियाँ बताकर क्लेम रिजेक्ट कर दिया जाता है। जो इलाज कभी हुआ ही नहीं उसके दस्तावेज बीमा कंपनियाँ अस्पताल से बनवाकर बीमित के सामने पेश कर रही हैं। एक्सीडेंट के मामलों में भी बीपी, शुगर का हवाला देकर पूरी फाइल बीमा कंपनियाँ क्लोज कर आम लोगों के साथ खुलेआम लूट कर रही हैं और जिम्मेदार चुप्पी साधे बैठे हुए हैं। बीमितों का आरोप है कि परिवार के सदस्यों के नाम भी बिना सूचना दिए पॉलिसी से काटे जा रहे हैं और पॉलिसी लेने के दौरान नाम जोड़ने का दावा किया जाता है पर हकीकत में जोड़े नहीं जाते हैं।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ 

स्वास्थ्य बीमा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर के मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

सारे साक्ष्य देने के बाद भी क्लेम कर दिया रिजेक्ट

मप्र के जबलपुर माढ़ोताल आईटीआई शारदा मंदिर निवासी सोमनाथ विश्वकर्मा ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी से स्वास्थ्य बीमा कराया हुआ है। पॉलिसी क्रमांक 000000027340275 का कैशलेस कार्ड भी मिला था। बीमा कराते वक्त परिवार के सदस्यों का आधार कार्ड व नाम, फोटो भी दी थी। वे प्रतिवर्ष प्रीमियम भी जमा करते आ रहे हैं। पॉलिसीधारक के पुत्र प्रेम विश्वकर्मा का स्वास्थ्य खराब हो गया था। प्रेम को इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। इलाज के दौरान बीमा कंपनी को सूचना दी गई थी तो जिम्मेदारों ने कहा था कि आप बिल सबमिट करेंगे तो आपको नियमानुसार पूरा भुगतान किया जाएगा। इलाज के बाद बीमा कंपनी में सारे बिल सबमिट किए गए तो जल्द ही भुगतान का दावा किया गया पर अचानक यह कहते हुए क्लेम रिजेक्ट कर दिया गया कि इनका पॉलिसी में नाम नहीं है। बीमित ने सारे तथ्य दिए उसके बाद भी बीमा अधिकारी मानने के लिए तैयार नहीं हैं, वहीं एसबीआई जनरल इंश्योरेंस ने अपना पक्ष दिया है कि पॉलिसी में सोमनाथ के अलावा किसी का नाम नहीं है इसलिए क्लेम रिजेक्ट किया गया है।
 

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