रिश्वत ले रहे सहायक आयुक्त और बाबू रंगे हाथों गिरफ्तार, मामला जनजाति विभाग का
रिश्वत ले रहे सहायक आयुक्त और बाबू रंगे हाथों गिरफ्तार, मामला जनजाति विभाग का
डिजिटल डेस्क, सागर। जनजाति विभाग का सहायक आयुक्त और बाबू द्वारा छात्रावास अधीक्षक की एरियर्स राशि निकलवाने के बदले रिश्वत की मांग की जा रही थी। पीड़ित अधिकक्षक ने इसकी शिकायत लोकायुक्त को की, जिसके बाद योजनाबद्ध तरीके रिश्वत लेने वाले सहायक आयुक्त और उसके बाबू को लोकायुक्त पुलिस ने रंगेहाथों रिश्वत की राशि के साथ गिरफ्तार किया है। कार्रवाई से पूरे महकमे में हड़कंप की स्थिति निर्मित है।
20 हजार रुपए की मांगी थी रिश्वत-
सागर में खुरई रोड स्थित जनजाति कार्य विभाग में सहायक आयुक्त केके सूर्येश और सहायक ग्रेड-3 सुरेन्द्र सिंह गौर द्वारा बीना के छात्रावास अधीक्षक को एरियर्स की राशि निकलवाने के एवज में 20 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की गई थी, जिसकी शिकायत आवेदक ने लोकायुक्त में की। लोकायुक्त की टीम ने दबिश देकर रिश्वत लेते दोनों आरोपियों को धर-दबोचा। लोकायुक्त टीम द्वारा आगे की कार्रवाई की जा रही है।
दोनों ने जेब में रख लिए थे 10-10 हजार रुपए-
प्राप्त जानकारी के अनुसार सतीष गोलंदाज पुत्र दुर्गा सिंह गोलंदाज जो शासकीय जूनियर अनुसूचित जाति बालक छात्रावास बीना में शिक्षक अध्यापक हैं। इन्होंने लोकायुक्त पुलिस सागर के समक्ष शिकायत की है कि केके सूर्येश जो व्याख्याता प्रभारी सहायक हैं एवं सुरेन्द्र सिंह गौर आदिम जाति कल्याण छात्रावास सागर में कार्यरत हैं द्वारा दस-दस हजार रुपए की रिश्वत कारण बताओ नोटिस फाइल करने एवं वेतन वृद्धि एरियर्स भुगतान के एवज में मांग की गई थी। दोनों ने रिश्वत के दस-दस हजार रूपए लेकर अपनी जेब में रख लिए थे इसी दौरान लोकायुक्त टीम ने धाबा बोलकर दोनों के जेबों से रिश्वत की राशि बरामद की है। लोकायुक्त की टीम में मंजू सिंह निरीक्षक बीएम द्विवेदी निरीक्षक, सुरेन्द्र सिंह आरक्षक, आशुतोष व्यास, संतोष गोस्वामी, यशंवत सिंह अरविंद नायक, नीलेश पांडे शामिल रहे।
पहले भी मांगी थी रिश्वत-
उल्लेखनीय है कि 31 दिसम्बर 2018 को लोकायुक्त टीम ने जनजाति कार्य विभाग के संभागीय आयुक्त संदीप जैन को भी छात्रावास अधीक्षक से 20 हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। जैन का प्रकरण अभी विवेचना में है और अब विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी सहायक आयुक्त और बाबू भी 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़े गए हैं। लोकायुक्त पुलिस की एक सप्ताह के भीतर दूसरी बड़ी कार्रवाई की है। 2 मई को विद्युत कंपनी के कार्यपालन यंत्री विनय कुमार गुप्ता को 50 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।