खराब रास्ते में नहीं पहुंच पाई एंबुलेंस, असपताल आने के पहले ही बैलगाड़ी में बच्चे को जन्म दिया
खराब रास्ते में नहीं पहुंच पाई एंबुलेंस, असपताल आने के पहले ही बैलगाड़ी में बच्चे को जन्म दिया
डिजिटल डेस्क बालाघाट । मध्यप्रदेश के बालाघाट में एक महिला ने अपने बच्चे को किसी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र में नहीं बल्कि बैलगाड़ी में जन्म दिया है। महिला को प्रसव पीड़ा होने पर सरकारी एंबुलेंस को इतला की गई थी। लेकिन गांव तक पहुंचने का रास्ता इतना खराब था कि 25 किलोमीटर दूर स्वास्थ्य केंद्र तक आने के लिए सिर्फ बैलगाड़ी ही एक साधन था एंबुलेंस गांव तक पहुंच नहीं पाई और प्रसूता को गांव के लोग बैलगाड़ी में ही लेकर अस्पताल के लिए चल दिए रास्ते में महिलाएं एक बच्चे को जन्म दिया है।
बैलगाड़ी में आ रही है महिला गर्भवती है प्रसव पीड़ा के बाद गांव से अस्पताल आने के लिए एंबुलेंस मंगाई थी लेकिन रास्ता इतना खराब था कि एंबुलेंस गांव तक नहीं आ पाई मजबूरी में परिवार के लोग बालाघाट की लालबर्रा के गनखेडा गांव से 25 किलोमीटर दूर अस्पताल तक महिला को बैलगाड़ी में ही ले आए। रास्ते में ही गर्भवती आदिवासी महिला ने एक बच्चे को बैलगाड़ी में ही जन्म दे दिया। जिसे बाद में अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस संबंध में
डॉ मनोज पांडे, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी - ने बताया महिला की बैलगाड़ी में डिलीवरी की बात सही है हमें विलंब से सूचना मिली थी लेकिन फिर भी उस गांव में एंबुलेंस भेजने का प्रयास किया गया था रास्ता खराब होने के कारण एंबुलेंस पहुंच नहीं पाई और बैलगाड़ी से जाने के दौरान महिला को रास्ते में ही प्रसाव हो गया।
एक तरफ सरकार के दावे और दूसरी तरफ मध्यप्रदेश में अस्पतालों की जगह बैल गाडिय़ों में हो रही डिलीवरी कि यह मामले सरकार के विकास के तमाम दावों की पोल खोलने के लिए काफी है। दिल को झकझोर देने यह तस्वीर लालबर्रा मुख्यालय से 10 किमी दूर रानीकुठार अंतर्गत वनग्राम गनखेड़ा से सामने आई है। जिसमे सड़क खराब होने के कारण जननी एक्सप्रेस नही पहुच पाई और बैलगाड़ी में ही आदिवासी महिला की डिलेवरी हो गई। वैसे तो बैलगाड़ी में बच्चे को जन्म देने वाली मां और बच्चा दोनों सुरक्षित है लेकिन अस्पतालों "की जगह कभी सड़क पर तो कभी बैलगाड़ी में होने वाले प्रसव जच्चा बच्चा के लिए खतरा भी हो सकते हैं