संयुक्त पत्रकार संघर्ष मोर्चा के बैनर तले जिला अधिकारी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया गया
बलिया संयुक्त पत्रकार संघर्ष मोर्चा के बैनर तले जिला अधिकारी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया गया
डिजिटल डेस्क, बलिया उत्तर प्रदेश। जिला प्रशासन द्वारा 3 पत्रकारों का उत्पीड़न करके जिस तरीके से जेल भेजा गया है, उसके खिलाफ पत्रकारों में आक्रोश भर गया है। रविवार को पत्रकारों द्वारा कलेक्ट्रेट में एक बैठक करके तीनो गिरफ्तार पत्रकारों की रिहाई तक आंदोलन चलाने के लिये एक संयुक्त पत्रकार संघर्ष मोर्चा का गठन किया है। इस मोर्चे का पहला आंदोलन सोमवार को 10 बजे जिलाधिकारी बलिया के कार्यालय का घेराव से किया गया है। सभी प्रत्रकार साढ़े 9 बजे टाउन हॉल पहुंचे,जहां से जुलूस की शक्ल में कलेक्ट्रेर के लिये निकल गये।इसके लिये संघर्ष समिति का गठन किया गया है । यह जुलूस टाउन हॉल से शहर होते हुए कलेक्टर ऑफिस तक पहुंची उसके बाद पत्रकारों ने धरना पर बैठ गए। आज की बैठक की अध्यक्षता शशीकांत मिश्रा और संचालन हरि नारायण मिश्रा ने किया । अपने संबोधन में करुणा सिंधु सिंह ने कहा कि जिलाधिकारी बलिया ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए बिना जांच के हमारे 3 साथी पत्रकारों की गिरफ्तारी करायी है,उसकी जितनी भी निंदा की जाय कम है । मुकेश मिश्र ने कहा कि जब तक हमारे तीनो साथी अजित कुमार ओझा दिग्विजय सिंह व मनोज कुमार गुप्ता झब्बू की रिहाई नही होती है, तब तक हम लोगो को जोरदार तरीके से आंदोलन करना चाहिय। राजेश कुमार ओझा ने कहा कि हम को अपनी मजबूत एकता का प्रदर्शन करते हुए अपने साथियों की रिहाई तक आंदोलन चलाना चाहिये। अनिल अकेला ने कहा कि पत्रकारों की गिरफ्तारी जिस पेपर के लीक होने के प्रकरण में हुई है, वो पेपर बलिया से लीक हुआ है,यह अभी तक जिला प्रशासन ने साबित ही नही किया है । ऐसे में पत्रकार लीक मामले के दोषी कैसे है। प्रशासन पहले यह बताये की वायरल/लीक पेपर ही लिफाफे में बंद पेपर है। अजय भारती ने कहा कि यह प्रकरण चौथे स्तंभ पर संगीनों के बल पर प्रशासन की कमियों को न छापने और चुप्पी साधने के लिये दबाब डालने वाला कृत्य है, इसकी जितनी भी निंदा की जाय कम है ।