बाघ के हमले में चरवाहे की मृत्यु, तीन माह में दूसरी घटना

देर रात का मामला बाघ के हमले में चरवाहे की मृत्यु, तीन माह में दूसरी घटना

Bhaskar Hindi
Update: 2021-10-22 12:05 GMT
बाघ के हमले में चरवाहे की मृत्यु, तीन माह में दूसरी घटना

डिजिटल डेस्क, यवतमाल। केलापुर तहसील के वांजरी जंगल में कल एक बाघ द्वारा चरवाहे का शिकार करने की घटना घटी। यह घटना कल देर रात में घटी है। इस चरवाहे का नाम गुलाब कवडू कुंचलवार (45) बताया गया है। उसका शव बीट कक्ष नंबर 61 सुन्ना गांव के पास मिला है। लाश का आधे से ज्यादा हिस्सा गायब था। इस लाश के आसपास खून से सने कपड़े पाए गए। यही से टिपेश्वर व्याघ्र प्रकल्प की शुरुआत होती है। जब जंगल से मवेशी लौट आ रहे थे। उसी समय कई किसान और मजदूरों को गुलाब की चीख सुनाई दी थी। तब से वे लोग गुलाब को ढूंढ रहे थे। मगर इस बाघ ने उसके शव को जंगल के भीतर 2 से 3 किमी ले जाकर उसका शिकार किया ऐसा प्रत्यदर्शी किसानों ने बताया है। तब से ही वे लोग गांव में आकर अधिक संख्या में लोगों को इकठ्ठा कर इस जंगल में गए थे। मगर उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी। जब मवेशी गांव में आ गए मगर चरवाहा गुलाब नहीं पहुंचा। तब गांववालों को उसकी चिंता सता रही थी। उसके बाद उसी ओर के खेत के किसान और मजदूर  पहुंचे। उन्होंने गुलाब की चीख की आवाज आने की बात बताई। फिर जंगल में जाकर ढूंढने पर भी न मिलने पर इसकी सूचना वनाधिकारी को दी थी। 

जिससे रात 12 से 1 बजे वनाधिकारी और ग्रामवासी वांजरी के जंगल में पहुंचे। जहां नाले के किनारे चरवाहे का आधखाया शरीर पड़ा हुआ था। इस घटना के बाद वांजरी और आसपास के गांवों में दहशत है। घटना के बाद वांजरी गांव में इस चरवाहे के घर मातम छा गया है। बुधवार की सुबह गुलाब गांव के मवेशी लेकर जंगल पहुंचा था। जो शाम 5-6 बजे तक मवेशी के साथ हमेशा लौट आता रहा। मगर बुधवार की शाम मवेशी तो लौट आए मगर गुलाब नहीं आया। जिससे आसपास के परिचितों के यहां उसे  ढूंढा गया। मगर वह नहीं मिला। गांववालों ने कुछ लोगों का समूह बनाकर वांजरी के जंगल में रात 8 बजे तक उसे खोजने का प्रयास किया। आवाजे लगाई गई। मगर कोई प्रतिसाद नहीं मिला। जिसके बाद पांढरकवडा वन्यजीव विभाग के उपवनसंरक्षक किरण जगताप को इस बारे में बताया गया। वनाधिकारी का एक दल वांजरी के जंगल में रात 11.45 बजे पहुंचा। वहां पर उसकी तलाश करने पर एक नाले के किनारे आधा खाया हुआ शरीर मिला है। वहां खून के धब्बे भी दिखाई दिए। उसके कपड़े फटे हुए अवस्था में वहां पड़े थे। यह घटना कब घटी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। पुलिस और वनविभाग ने शव का पंचनामा कर लाश पोस्टमार्टम के लिए भेज दी है। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही इसमें कुछ सुराग मिल सकता है। 

यह हादसा है

डीएफओ किरण जगताप, पांढरकवडा वन्यजीव के मुताबिक गुलाब का बाघ द्वारा शिकार करना यह एक हादसा है। ऐसे मामले में गांववाले और किसानों तथा चरवाहों को सुबह और रात में अकेले इस क्षेत्र में नहीं जाने के बारे में बताया गया था। कई बार चेतावनी भी दी गई थी। इसके बावजूद यह लोग खुद की जान जोखिम में डालकर इस क्षेत्र में जाते हैं। ऐसे ही यह घटना घटी है।


 

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