UP पुलिस ने खारिज किया प्रियंका का आरोप, कहा- सुरक्षा के लिए रोक रहे थे

UP पुलिस ने खारिज किया प्रियंका का आरोप, कहा- सुरक्षा के लिए रोक रहे थे

Bhaskar Hindi
Update: 2019-12-28 13:29 GMT
UP पुलिस ने खारिज किया प्रियंका का आरोप, कहा- सुरक्षा के लिए रोक रहे थे

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में शनिवार को पुलिस द्वारा कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का काफिला रोकने के बाद बवाल खड़ा हो गया है। प्रियंका ने यूपी पुलिस पर उनका गला दबाने और उन्हें धक्का देकर गिराने का आरोप लगाया है। इस आरोप को पुलिस अधिकारी अर्चना सिंह ने खारिज करते हुए कहा कि "प्रियंका, पहले से तय किए गए रास्ते से न जाकर दूसरे रास्ते से जा रही थी। इसी वजह से सुरक्षा को ध्यान में रखकर उनका काफिला रोका गया था।"

अर्चना सिंह ने आगे कहा कि "सोशल मीडिया में प्रियंका का गला पकड़ने और उन्हें गिराने जैसी कुछ भ्रामक बातें फैलाई जा रही है, जो पूरी तरह झूठी हैं। मैंने ईमानदारी से अपने ड्यूटी निभाई।" दरअसल कांग्रेस के 135वें स्थापना दिवस के कार्यक्रम के बाद प्रियंका CAA के खिलाफ प्रदर्शन करने पर गिरफ्तार किए गए पूर्व आईपीएस अफसर एसआर दारापुरी के परिवार से मिलने जा रही थीं। प्रियंका के मुताबिक इसी दौरान लखनऊ पुलिस ने बीच रास्ते में उनका काफिला रोक लिया और उनके साथ बदसलूकी की।

प्रियंका के कार्यालय ने CRPF से शिकायत की

प्रियंका के कार्यालय द्वारा यूपी पुलिस द्वारा प्रोटोकॉल तोड़े जाने का जिक्र करते हुए उनके खिलाफ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल से लिखित शिकायत की गई है। कार्यालय के सहयोगी संदीप सिंह ने CRPF के महानिरीक्षक प्रदीप कुमार सिंह के नाम पत्र लिखा है। प्रियंका की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआरपीएफ के पास है। उन्होंने अपनी शिकायत में लिखा कि हजरतगंज के सर्किल ऑफिसर अभय मिश्रा पहले से इजाजत लिए बिना सुबह 8.45 बजे उस अहाते में घुस गए, जहां प्रियंका गांधी वाड्रा ठहरी हुई थीं। उन्होंने प्रियंका के कमरे से महज पांच मीटर की दूरी पर सुरक्षा प्रभारी सीआरपीएफ के जवान के साथ बक-झक की।

 

 

प्रियंका का आरोप

प्रियंका ने मीडिया से कहा कि "मैं अपना प्रोग्राम खत्म करने के बाद गाड़ी में शांतिपूर्वक आईपीएस अफ्सर एस आर दारापुरी के परिवार से मिलने जा रही थी। रास्ते में अचानक पुलिस की सामने आई और हमें कहा कि आप आगे नहीं जा सकते। जब पुलिस जानती ही नहींं कि हम कहां जा रहे हैं, तो रोकने का मतलब क्या होता है। मैंने इसका कारण पूछा तो जवाब नहीं दिया और पुलिस यही कहती रही कि आप नहीं जा सकतीं। इसके बाद मैं पैदल चलने लगी, तो महिला पुलिस ने मुझे घेरा, मेरा गला दबाया और मुझे धकेल दिया।" हालांकि अभी इस मामले में उत्तरप्रदेश पुलिस की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।

जब एक शख्स सुरक्षा में सेंध लगाकर प्रियंका तक जा पहुंचा

यही नहीं कांग्रेस के 135वें स्थापना दिवस के कार्यक्रम के दौरान प्रियंका की सुरक्षा में चूक नजर आई। कार्यक्रम के दौरान अचानक भीड़ से एक शख्स सुरक्षा में सेंध लगाकर दौड़ता हुआ प्रियंका के पास जा पहुंचा। इस वक्त प्रियंका कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत कर रही थी। जैसे ही वह शख्स प्रियंका तक पहुंचा, वैसे ही सिक्युरिटी ने उसे पकड़ लिया।

 

 

इस दौरान प्रियंका अपनी जगह से खड़ी हुई और उस शख्स का हाथ थाम कर सिक्युरिटी से उसे छोड़ने का आदेश दिया। इसके बाद उन्होंने उस शख्स की पूरी बात इत्मिनान से सुनी। बात खत्म होने के बाद जब वह वापस जाने लगा, तो प्रियंका ने मुस्कुराते हुए उससे हाथ भी मिलाया। फिर सिक्युरिटी द्वारा उस शख्स को सुरक्षा घेरे से बाहर भेज दिया गया।

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