शायद ऐसी ही होती है भूख : तड़प उठी बच्ची और बेबस पिता कंधे पर थपकी देता रहा

शायद ऐसी ही होती है भूख : तड़प उठी बच्ची और बेबस पिता कंधे पर थपकी देता रहा

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-31 12:30 GMT
शायद ऐसी ही होती है भूख : तड़प उठी बच्ची और बेबस पिता कंधे पर थपकी देता रहा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सलीम सिद्दीक़ी का एक शेर इन मजदूरों की बेबसी को बयां कर रहा है। 

अब ज़मीनों को बिछाए कि फ़लक को ओढ़े,
मुफलिसी तो भरी बरसात में बे-घर हुई है....

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