जिला परिषद चुनाव में 58 सदस्य मैदान में , 9 पुराने चेहरे फिर आजमा रहे किस्मत

जिला परिषद चुनाव में 58 सदस्य मैदान में , 9 पुराने चेहरे फिर आजमा रहे किस्मत

Bhaskar Hindi
Update: 2019-12-26 08:51 GMT
जिला परिषद चुनाव में 58 सदस्य मैदान में , 9 पुराने चेहरे फिर आजमा रहे किस्मत

डिजिटल डेस्क, नागपुर । इस बार जिला परिषद में नए चेहरे नजर आएंगे। जिला परिषद के 58 सदस्य है। इसमें से केवल 9 सदस्य चुनाव मैदान में उतरे हैं। कांग्रेस ने 3 सदस्यों को टिकट दिया है। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस ने 1-1 सदस्य को पुन: चुनाव लड़ने का मौका दिया है। बसपा छोड़ शिवसेना में दाखिल हुई पूर्व महिला व बाल कल्याण समिति सभापति पुष्पा वाघाड़े को शिवसेना ने उम्मीदवार बनाया है। पार्टी से टिकट नकारने पर 3 सदस्य बगावत कर चुनाव मैदान में खड़े हुए हैं। बगावत करने वालों में शिवसेना के बागी पूर्व उपाध्यक्ष शरद डोणेकर, राकांपा के बागी पूर्व उपाध्यक्ष चंद्रशेखर चिखले और कांग्रेस की बागी जिप सदस्य नंदा नारनवरे का समावेश है। 

त्रिकोणीय मुकाबले के आसार
राज्य में भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए शिवसेना, कांग्रेस, राकांपा ने महागठबंधन बनाकर सत्ता काबिज करने में सफल रही, लेकिन जिला परिषद चुनाव में शिवसेना के अलग रास्ता अपनाने से अधिकांश सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना प्रबल हो गई है।

कांग्रेस-राकांपा साथ-साथ, शिवसेना-भाजपा अपने बल
राज्य की राजनीति में मोड़ आने पर जिला परिषद चुनाव में भी इसका असर देखने को मिलने के अासार नजर आ रहे थे। राज्य की सत्ता में शिवसेना, कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस ने मिलकर सत्ता का तख्त काबिज किया। जिला परिषद में कांग्रेस और राकांपा गठबंधन हुआ है। शिवसेना ने अपना रास्ता अलग चुना है। भाजपा भी अपने बल पर चुनाव मैदान में उतरी है। कांग्रेस-राकांपा गठबंधन में 42-16 सीटों के फार्मूले पर समझौता हुआ है। शिवसेना ने अपने दम पर 55 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं। भाजपा ने सभी 58 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए कमर कसी है।

9 सीटों पर परिवारवाद हावी
केंद्र और राज्य की राजनीति की तर्ज पर जिला परिषद की राजनीति में भी परिवारवाद हावी है। पार्टी का टिकट कटने से नाराज सदस्यों को खुश करने के लिए उनके परिवार के सदस्यों को टिकट दिया गया है। जिला परिषद की 9 सीटों पर परिवारवाद का असर देखने को मिल रहा है। भाजपा से पूर्व सदस्य विजय देशमुख की बहू क्रांति देशमुख, अंबादास उके की पुत्री पूजा उके, शकुंतला हटवार के पति अशोक हटवार, रुपराव शिंगने की पत्नी प्रतिभा शिंगने को टिकट दिया गया है।

शिवसेना से शोभा झाड़े के पति संजय झाड़े, वर्षा धोपटे के पति नरेश धोपटे, भारती गोड़बोले के प्रति देवेंद्र गोड़बोले को चुनाव मैदान में उतारा गया है। कांग्रेन ने शालू हटवार के पति अरुण हटवार, मनोज तितरमारे की पत्नी मेघा तितरमारे को उम्मीदवारी दी है। आरक्षण के चलते अनेक सदस्यों का चुनाव लड़ने का रास्ता बंद हो गया है। पुराने सदस्यों को दो वर्ष अतिरिक्त कार्यकाल मिलने से नए चेहरों को मौका मिल सके, इसलिए भी अधिकांश सदस्यों को इस बार चुनाव मैदान से बाहर किया गया है। 
 

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