बोरवेल में गिरा 4 साल का मासूम, बचाने में जुटा प्रशानिक अमला, चल रहा रेस्क्यू
माता-पिता रो-रोकर खेत में ही बेसुध, शाम को पांच बजे पहुंचे एसडीआरएफ की 15 सदस्यीय टीम, मौके पर लगी हजारों की भीड़ बोरवेल में गिरा 4 साल का मासूम, बचाने में जुटा प्रशानिक अमला, चल रहा रेस्क्यू
डिजिटल डेस्क उमरिया। हंसते खेलते संतोष दुबे के परिवार में गुरूवार को इतनी बड़ी आफत आने वाली यह किसने सोचा था। यही कारण रहा कि मासूम के साथ अनहोनी की घटना सुनने के बाद पिता व मां दोनों खेतों में बदवहाश पड़े हैं। परिवार में दो अन्य बेटों को भी अपने भाई गौरव का इंतजार है। घटना स्थल पर सुबह १० बजे के बाद से दूर दराज से गांव के लोग पहुंच रहे हैं। ईधर संतोष का परिवार खेत में टकटकी लगाए बैठे हुआ है कि कब उनके जिगर का टुकड़ा बोरवेल से सशकुशल बाहर आ जाए। प्रशासन ने दोनों को सुरक्षित व भीड़ से अलग रखा था।
जिला मुख्यालय से बड़छड़ गांव की पहचान दूरस्थ सीमांचल गांव के रूप में रही है। ये गांव जंगल से लगे होने के कारण बाणसागर प्रभावित भी हैं। संतोष का परिवार गांव में खेती किसानी कर अपना परिवार चला रहा था। रोते-बिलखते गौरव के माता पिता बता रहे थे बेटा सुबह घर में रोज की भांति उठा था। नाश्ता कर अपने पिता से दुलार कर रहा था। इसके बाद दादी के साथ खेत जाने की जिद करने लगा। पहले तो दादी ने भी उसे मना किया फिर बाल हठ के आगे वह मान गई। खेत पहुंचने पर रोज की भांति घास व गेहूं के पौधों की देखरेख चल रही थी। इधर सुबह करीब १०.३० बजे गौरव अपने खिलौने मोबाइल के साथ खेल रहा था। कब वह बंद पड़े बोरवेल के नजदीक पहुंच गया। दादी की नजर ही नहीं पड़ी। अचानक से जब नाती की आवाज कानों में नहीं सुनाई दी। इसी दौरान आसपास के लोगों ने चिल्लाते हुए उन्हें आवाज दी कि लड़का गड्ढे में गिर गया। यह देख दादी गिरते हुए बोरवेल के नजदीक पहुंची, और गौरव को आवाज देने लगी लेकिन अब वह कहां आसानी से बाहर निकलने वाला था। मौजूद लोग वहीं रोने बिलखने लगे। देखते ही देखते बस्ती के लोग पहुंचे। पुलिस अमरपुर व इंदवार थाना पुलिस को सूचना दी गई। कोमल दीवान दल-बल के साथ वहां पहुंच गए। घेराबंदी कर एसपी को स्थल की सूचना दी।
बेसुध है बच्चे के माता पिता, जीवित की उम्मीद
मासूम गौरव के परिवार में तीन बेटे हैं। वह दूसरे क्रम का पुत्र था। घटना की खबर जब मां को लगी तो वहां सुबह से बेसुध है। आंखों से आश्रु की धारा नहीं बंद हो रही। होश आता है फिर वह चीखकर रोने लगती है। यही हाल पिता व अन्य का है। परिवार में गौरव का एक बड़ा भाई व एक छोटा है। सभी नाबालिग ही हैं। ईधर बेटे बड़े पिता व अन्य लोग भी वहां पहुंच गए थे। पुलिस प्रशासन ने रेस्क्यू कार्य को देखते हुए सभी को वहां से दूर कर दिया। सबसे पहले आक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था की। ताकि बच्चों को सांस लेने में तकलीफ न हो। साथ ही एक डॉक्टर को भी मौके पर निरीक्षण के लिए बुलाया गया।आवाज देने पर मासूम आवाज नहीं कर रहा था। लिहाजा लोग अनहोनी के डर से कांप रहे थे।
एसपी, कलेक्टर डटे हैं खेत में, एडीजीपी भी पहुंचे
रेस्क्यू ऑपरेशन की बागडोर एसपी व कलेक्टर स्वयं थामे हुए थे। उन्होंने अभियान चालू करने के पूर्व एसडीआरएफ जबलपुर से संपर्क किया। उन्हें यथा स्थिति की जानकारी देकर खुदाई का कार्य प्रारंभ किया गया। चूंकि पूरे अभियान में काफी समय व मशीनों का उपयोग होना था। इसलिए इसकी तैयारी की गई। सिद्धार्थ पटेल एसडीएम ने इंदवार टीआई व अमरपुर को दो जेसीबी को लगाने के लिए भेजा। १२ बजे से मौके पर बोरवेल से कुछ दूर खुदाई का प्लान बना और काम चालू हुआ। देखते ही देखते दोपहर दो बजे गए। खुदाई चार घंटे बाद भी लक्ष्य से काफी दूर थी। लिहाजा एक और पोकलेन को वहां लाया गया। तब तक शहडोल से एडीजीपी पुलिस डीसी सागर भी गांव पहुंच गए। उन्होंने आवश्यक निर्देश दिए।
जीवित बचाने की उम्मीद डटा आधा सैकड़ा प्रशासन
सुबह १० बजे हुई घटना की जानकारी कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को पहले ही मिल चुकी थी। लिहाजा उन्होंने कलेक्ट्रेट से मीटिंग छोड़कर वहां पहुंचने का निर्णय लिया। रेस्क्यू के बारे में एसपी प्रमोद सिन्हा को जिम्मेदारी दी गई। उन्होंने इंदवार व अमरपुर की फोर्स को आवश्यक संसाधन के साथ ही मौके पर सुरक्षा पुख्ता करने के निर्देश दिए। क्योंकि बोरवेल के नजदीक मिट्टी धंसक रही थी। बताया गया यह खेत गौरव के पिता संतोष का ही था। कुछ महीने पूर्व सिंचाई के लिए उन्होंने बोरवेल कराया था लेकिन पर्याप्त पानी न आने पर फेल हा गया। करीब ११ बजे जिले के दोनों मुखिया वहां पहुंच गए। उमरिया के साथ अनूपपुर व शहडोल से भी आपदा प्रबंधन की टीमों को बुलाया गया। तकरीबन ५० से अधिक लोगों ने इसकी जिम्मेदारी ली और २ जेसीबी से खुदाई प्रारंभ हुई।
१०० मीटर सुरक्षा घेरा, रात तक रेस्क्यू
शुरूआती जांच में यह बता चला है कि बच्चो २५-३० फीट गहराई में है। वैसे तो यह बोरवेल १५० फीट गहरा था। साथ ही गड्ढे में पानी भी बताया जा रहा है। यही कारण है कि बच्चे को बचाने तुरंत पहले आक्सीजन सप्लाई दी गई। हालांकि जांच में बताया गया बालक पानी से दूर है। सात बजे शाम तक २१ फीट तक खुदाई हो गई थी। रात करीब ८.३० बजे तक बालक को निकालने की उम्मीद थी।
चल रहा है बचाव
हमें घटना में बताया गया बच्चा सुबह करीब ११ बजे बोरवेल में गिरा था। एक बजे से रेस्क्यू कार्य में खुदाई का कार्य जारी है। शाम सात बजे तक २१-२२ फीट तक खुदाई की जा चुकी है। ३-४ फीट खुदाई के बाद टनल के माध्यम से बच्चे को बाहर निकाला जाएगा। रेस्क्यू में एसडीआरएफ जबलपुर व बनारस से एनडीआरएफ को बुलाया गया है।
संजीव श्रीवास्तव, कलेक्टर उमरिया।
सुरक्षित निकालेंगे
घटना बेहद दुखद है। फिर भी बच्चे को सुरक्षित बाहर निकालने एडीजीपी के मार्गदर्शन में आपदा प्रबंधन की टीमें बुलाई गई है। उमरिया, शहडोल व अनूपपुर के साथ जबलपुर से एसडीआरएफ की टीम कार्य में लगी हुई है। बनारस से एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया है। जल्द ही वह भी पहुंच जाएगी।
प्रमोद सिन्हा, एसपी उमरिया