नए गल्र्स कॉलेज भवन में 27 कमरे, जरुरत 50 की, 4500 छात्राएं करती हैं अध्ययन, यूजीसी के मान से जमीन भी 5 एकड़ कम

दो माह बाद कन्या महाविद्यालय शिफ्ट करने की तैयारी नए गल्र्स कॉलेज भवन में 27 कमरे, जरुरत 50 की, 4500 छात्राएं करती हैं अध्ययन, यूजीसी के मान से जमीन भी 5 एकड़ कम

Bhaskar Hindi
Update: 2022-09-27 08:03 GMT
नए गल्र्स कॉलेज भवन में 27 कमरे, जरुरत 50 की, 4500 छात्राएं करती हैं अध्ययन, यूजीसी के मान से जमीन भी 5 एकड़ कम

डिजिटल डेस्क,कटनी। गुलवारा मार्ग पर झिंझरी में बने 12.50 करोड़ के नये गल्र्स कॉलेज भवन में एक पेंच फंसा है। इस भवन में कक्षाओं के लिए 19 और प्राचार्य स्टाफ, कामन हॉल, प्रयोगशाला, कान्फ्रेस रूम अन्य सुविधाओं के लिए 8 कमरे निर्मित किये गये हैं। मौजूदा कॉलेज में छात्राओं की संख्या 4500 है। इस मुताबिक 35 क्लास रूम और एनसीसी, एनएसएस ऑफिस रूम, स्पोर्ट्स कैंटीन और भी जरूरतों के मुताबिक भवन में 50 कमरे होना चाहिए। जबकि नए भवन में 27 कमर है।  यूजीसी के मुताबिक किसी भी नये कालेज भवन निर्माण के लिए लगभग 10 एकड़ भूमि का प्रावधान है।

खेल मैदान, वॉटनिकल गार्डन, हॉस्टल अन्य सुविधाओं का विस्तार निर्धारित है। नया कालेज भवन 5 एकड़ में निर्माणाधीन है। कालेज प्रबंधन की ओर से उच्च शिक्षा विभाग को जी प्लस 2 भवन के लिए प्रस्ताव प्रेषित हुआ है। गुलवारा स्लीमनाबाद, बहोरीबंद, बरही, तेवरी आसपास सुदूर अंचलों से कॉलेज अध्ययन के लिए आने वाली छात्राओं की संख्या लगभग साढ़े चार हजार है।

खेल मैदान और छात्रावास के लिए भूमि न तो आरक्षित हुई और न ही भवन बना हुआ। मुड़वारा विधायक ने हालांकि शहर सीमा से गुलवारा कॉलेज आवागमन के लिए बस सुविधा मुहैया कराने 35 लाख स्वीकृत किए है। यह राशि कॉलेज प्रबंधन को मिल चुकी है। एक  समस्या यह भी है कि नये भवन में कमरों का विस्तार न होने पर कॉलेज पालियों में लगाना प्रबंधन की मजबूरी होगी। अन्यथा की स्थिति में निर्मित हुए कमरों और योगा हॉल में ही पार्टीशन कर कक्षाएं संचालित की जाएगी।

नवम्बर तक भवनव कम्पलीट करने निर्देश
कलेक्टर ने आगामी नवम्बर माह तक संबंधित लोक निर्माण् विभाग पीआईयू को गल्र्स कॉलेज भवन कम्पलीट करने निर्देश दिये हैं। यानी लगभग 60 दिन शेष और इधर कुछ विसंगतियां तो कुछ काम अभी बाकी है। मसलन पहुंच मार्ग में जानलेवा गड्ढे हैं। खेल मैदान, बैडमिंटन-योगा हॉल निर्माणाधीन और रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों का अभाव है। मालूम हो कि 1967 में स्थापित कटनी महिला महाविद्यालय छात्राओं/ प्राध्यापकों की सुविधा के अनुसार पर्याप्त नहीं है।

नहीं बन पाया खेल मैदान

पढ़ाई के अलावा खेल गतिविधियों के लिए परिसर के अंदर ही मैदान समुचित नहीं है। जानकारी के मुताबिक कॉलेज के सामने खेल मैदान की जमीन सुरक्षित कराए जाने प्रशासन के दिशा निर्देश हुए हैं। इस स्थल की मौजूदा स्थिति ऐसी है कि मुरूम कारोबारियों ने यहां एक नहीं कई गड्ढे बना दिये हैं। इस लिहाज से खेल मैदान का भी कॉलेज की शुरूआत समय से पहले बन पाना संभव प्रतीत नहीं होता।

पगडंडी से बदतर रोड

बिलहरी मोड़ से लगभग ढाई किलो मीटर कॉलेज पहुंच मार्ग कच्चा रास्ता है। पगडंडी से बदतर मार्ग में गड्ढों की भरमार है। बारिश में यहां रास्ता जल मग्र हो जाता है। आसपास क्षेत्रों के लिए यही मार्ग कम दूरी का है। शहर के विभिन्न क्षेत्रों से हाईवे होते हुए जिला न्यायालय और सत्संग भवन के पास से कॉलेज तक दूरी 3 किमी है। यहां भी सडक़  नहीं है। नये भवन में शिफ्टिंग से पहले इन दोनों ही मार्गों में सुधार की आवश्यकता छात्राओं और अभिभावकों ने जताई है।

इनका कहना है

वर्तमान स्थिति में छात्राओं की संख्या लगभग 4500 है। नये भवन में निर्मित हुए कमरों में समुचित अध्यापन व्यवस्थापन में कुछ परेशानी जाएगी। इस लिहाज से उच्च शिक्षा विभाग को निर्मित हुए भवन में जी प्लस 2 की स्वीकृति और बजट निर्धारण के लिए पत्र लिखा गया है। नई गाइड लाइन में किसी भी नये कालेज भवन के लिए 10 एकड़ भूमि का प्रावधान है। विधायक की ओर से आवागमन सुविधा के लिए राशि स्वीकृति की अच्छी पहल की गई है।
-डॉ.साधना जैन, प्रभारी प्राचार्य गल्र्स कॉलेज
 

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