वन विभाग परिसर में 2 वर्ष से अधूरी पड़ी टंकी का निर्माण कार्य अधर में.

 सलेहा वन विभाग परिसर में 2 वर्ष से अधूरी पड़ी टंकी का निर्माण कार्य अधर में.

Bhaskar Hindi
Update: 2022-03-21 05:30 GMT
वन विभाग परिसर में 2 वर्ष से अधूरी पड़ी टंकी का निर्माण कार्य अधर में.

डिजिटल डेस्क,  सलेहा .।इस वर्ष अल्प वर्षा होने के कारण भूमि के अंदर का भू-जल स्तर नीचे खिसक जाने से  सलेहा सहित ग्रामीण अंचलो में पानी के लिए संकट निर्मित हो गया है। पीएचई विभाग फर्जी आंकड़े  विभाग के साथ-साथ प्रशासन को देकर गुमराह कर अपनी पीठ थपथपा रहा है। सलेहा समीपस्थ पंचायतों में लगभग 500 से  अधिक हैण्डपंपो में से केवल एक से दो दर्जन हैण्डपंप  गांवों में पानी दे रहे है। बाकी सब बिगड़े पड़े हुए हैं या फिर विभाग द्वारा हेड पंपों में जल स्तर ना होने का बहाना बनाकर उन्हें डाई घोषित कर दिया गया है। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक ग्राम में पेयजल  की व्यवस्था के लिए नवीन टंकी का निर्माण कार्य  प्रारंभ किया गया है। और शासन की मंशा अनुसार प्रत्येक घर में नल कनेक्शन देकर उसे पानी उपलब्ध कराने की योजना है। जिससे प्रदेशवासियों को घर पर ही पेयजल मुहैया हो सके लेकिन जिला प्रशासन तथा पीएचई विभाग की उदासीनता एवं ठेकेदारों की मनमानी के चलते आज भी शासन की योजना अधर पर लटकी हुई पड़ी है।गौरतलब है कि जिले में अल्प बारिश के चलते लगातार भू-जल स्तर काफी नीचे खिसक रहा है।  सलेहा क्षेत्र के गांवों  में पेयजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है। करीब 70 फीसदी से अधिक हैण्डपंप ड्राई हो चुके है। पानी के बदले हवा उगल रहे हैं। जिसके चलते ग्रामीणो को  42डिग्री के तापमान की भरी दोपहरी में भी एक से तीन किमी तक समीपी  पंचायतों के खेतों  का सफर तय करते हुए जल स्त्रोतो तक किसी तरह पहुंच कर पेयजल ला रहे हैं। उसके बाद उन जल स्रोतों पर  पानी भरने वालो की लंबी लाइन लगी देखकर लोग घंटो अपनी बारी का इंतजार करते हैं। यह समस्या करीब मार्च  महीने के प्रराभ हो चुकी ह।ै और जून महीने तक बनी रहती है। विगत 2020 में पीएचई विभाग द्वारा। सलेहा में नल जल योजना के तहत नई टंकी का निर्माण एवं पाइपलाइन डालने की स्वीकृति प्रदान की गई थी ।और आश्वस्त किया गया था कि अप्रैल माह 2020 में पेयजल व्यवस्था हेतु टंकी से सप्लाई प्रारंभ कर दी जाएगी। जिससे सलेहा वासियों को पेयजल उपलब्ध हो सकेगा लेकिन विभाग की लापरवाही और उदासीनता के चलते टंकी का निर्माण आधा -अधूरा हो चुका है। जो दो बर्ष से आज दिनांक तक पूर्ण नहीं किया गया और ना ही पीएचई विभाग द्वारा पेयजल व्यवस्था हेतु कोई ठोस प्रयास  किया किए गए। स्थानीय पंचायत प्रशासन को विगत 35 वर्ष पहले शासन द्वारा बनाई गई 32000 लीटर पानी की टंकी  बना कर दी गई थी उसी से आज भी व्यवस्था अनुसार सप्लाई की जा रही है
आबादीअधिक पेयजल संसाधन नाम मात्र के 
  सलेहा नगर की आबादी 6000 एवं मतदाताओं की संख्या ४१५० है। कहने को लिये पेयजल व्यवस्था के लिये ३७ हेैण्डपम्प लगे है लेकिन ३० हैण्डपम्प में पानी नही निकलता। बड़े तालाब सूखने की ओर है कुओं की हालत भी खराब है। पेयजल स्त्रोतों के सूखने से दिनों प्रतिदिन जल संकट गहराते जा रहा है   

35 साल पुरानी टंकी से  हो रही है सप्लाई
मध्यप्रदेश शासन द्वारा 35 साल पहले 32000 लीटर क्षमता की पानी की टंकी बनाई गई थी। जिस टंकी से सलेहा नगर के 508  नल कनेक्शनों में  पानी भेजने की व्यवस्था है जिस पर ग्राम पंचायत द्वारा दो दिवस में एक मोहल्ले पर पानी भेजा जाता है और किसी तरह से  ग्राम वासियों को पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है।
  नवीन पाइप लाइन बनी सो पीस
पीएचई विभाग द्वारा विगत 3 माह से सलेहा नगर में नवीन पाइपलाइन डालने का काम किया जा रहा है जिसके चलते पूरे नगर में सीसी रोड को  खोदकर अव्यवस्थित ढंग से छोड़ दी गई है लेकिन उस पर आज दिनांक तक पानी की सप्लाई नहीं की जा रही एवं खुदी पड़  सी सी सडक़ पर ग्राम वासियों को चलने में भी भारी असुविधा हो रही है।
 दो साल से ठेकेदार हुआ रफूचक्कर 
वन विभाग परिसर के अंदर ठेकेदार द्वारा 2020 में पानी की टंकी का निर्माण कार्य कराया गया जा रहा था जिसके बाद से इस कार्य को अधूरा छोड़ कर ठेकेदार रफू चक्कर हो गया है जिससे नगर में पेयजल की आपूर्ति होना असंभव है।

  इनका कहना है
2 वर्ष के दरमियान में जिला प्रशासन को कई बार पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया कि सलेहा नगर में पेयजल की स्थिति काफी भयानक है जिस वजह से टंकी का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा कराया जाए।
 राजेश्वरी शर्मा सरपंच ग्राम पंचायत सलेहा

ग्राम वासियों द्वारा मुझे अवगत कराया गया कि ठेकेदार द्वारा पानी की टंकी का निर्माण कार्य अधूरा छोड़ कर भाग गया है जिस पर मैं जनपद पंचायत के अधिकारियों एवं पीएचई विभाग के अधिकारियों को अवगत कराऊंगा।
 आकाश नीरज नायब तहसीलदार गुनौर

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