जलसंकट: नाशिक जिले के बांधों में 7.5 प्रतिशत जल , दमदार बारिश की जरूरत

नाशिक जिले के बांधों में 7.5 प्रतिशत जल , दमदार बारिश की जरूरत
  • जिले के 12 बांध लगभग सूख चुके
  • अच्छी बारिश नहीं हुई तो स्थिति हो सकती है गंभीर
  • शहरों और गांवों में टैंकर से की जा रही जलापूर्ति

डिजिटल डेस्क, नाशिक । जून माह के तीसरे सप्ताह में जिले के अधिकतर बांध सूख गए हैं इसके चलते बांधों में केवल 7.5 प्रतिशत जल शेष है। मानसून का आगमन हुआ है, लेकिन बांधों का जलस्तर बढ़ने के लिए मूसलाधार बारिश की जरूरत है। जून के पूर्वार्ध में आलंदी, करंजवण, ओझरखेड, पुणेगाव, तिसगाव, भावली, वालदेवी, भोजापूर, नागासाक्या, केलझर, पुनद, माणिकपुंज आदि 12 बांध लगभग सूख चुके है। साथ ही वाघाड, दारणा, मुकणे, चणकापुर यह बांध भी सूख चुके हैं। इसमें 3 से 5 प्रतिशत जल शेष है। आज की स्थिति में जिले के बांधों में 5 हजार 459 दशलक्ष घनफुट जल शेष है।

पिछले साल यह प्रमाण 16 हजार 689 (25 प्रतिशत) यानी की तीन गुना था। काश्यपी बांध (23 प्रतिशत), गौतमी गोदावरी (10), पालखेड (22), हरणबारी (7), गिरणा (12), कडवा (7) जल है। मानसून का हाल ही में नाशिक में आगमन हुआ है। परंतु मूसलाधार बारिश की जरूरत है। लगातार कुछ दिनों तक मूसलाधार बारिश होने के बाद भी बांधों के जल स्तर में सुधार हो सकता है। बारिश रूठने पर स्थिति भयावह होने वाली है। पिछले कुछ सालों से जून में दाखिल होने वाली बारिश कुछ दिनों के बाद रुठने का अनुभव है। इस बार बांधों में पानी नहीं है, जो जल से लबालब होने के लिए मूसलाधार बारिश की जरूरत है।

गंगापुर बांध में है 20 प्रतिशत जल : नाशिक शहर का जलापूर्ति करने वाले गंगापुर बांध में 1154 दशलक्ष घनफूट यानी की 20 प्रतिशत जल शेष है। पिछले साल गंगापुर बांध में 37 प्रतिशत यानी की 2096 दशलक्ष घनफूट जल था। जनवरी में मनपा ने शहर में जल कटौती करने का प्रस्ताव तैयार किया था, लेकिन लोकसभा चुनाव की पार्श्वभूमी तथा राजनेताओं के दबाव के चलते मनपा निर्णय नहीं ले पाई।

1307 गांव-वाड़ियों को टैंकर से जलापूर्ति : नाशिक जिले में जल किल्लत की दाहकता दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है. इसके चलते जून माह के 11 दिन बाद भी जिले के 366 गांव और 941 वाड़ी ऐसे कुल 1307 गांव-वाड़ियों को 399 टैंकर से जलापूर्ति की जा रही है। मूसलाधार बारिश न होने पर जल किल्लत की दाहकता और भी बढ़ने वाली है। आज की स्थिति में जिले के 14 तहसील के 7 लाख 20 हजार 372 नागरिक पीने के पानी के लिए टैंकर या अधिग्रहित किए गए कुओं पर निर्भर है। नांदगाव तहसील में उसकी संख्या सर्वाधिक यानी की 77 है। इस तहसील के 66 गांव और 338 वाड़ियों का टैंकर से जलापूर्ति की जा रही है। जल किल्लत से दूर रहे नाशिक तहसील के एक गांव को टैंकर से जलापूर्ति की जा रही है। मालेगांव तहसील के 44 गांव और 88 वाड़ी (56 टैंकर), सिन्नर तहसील के 16 गांव और 264 वाडी (44 टैंकर), बागलाण के 34 गांव और 15 वाड़ी (42 टैंकर), येवला के 61 गांव और 60 वाड़ी (60 टैंकर), सुरगाणा के 31 गांव और 11 वाड़ी (42), चांदवड के 29 गांव और 97 वाड़ी (33 टैंकर), पेठ के 18 गांव और 13 वाड़ी (16 टैंकर), त्र्यंबकेश्वर के 4 गांव (4 टैंकर) ऐसी स्थिति है। कलवण के 19 गांव और 2 वाड़ी तथा दिंडोरी के 5 गांव जल किल्लत का सामना कर रहे हैं। उनके लिए अनुक्रमे 22 और 5 कुए अधिग्रहित किए गए है। निफाड यह एक ही तहसील है, जहां पर एक भी टैंकर से जलापूर्ति नहीं की जा रही है। निजी और सरकारी ऐसे कुल 399 टैंकर से हर दिन 889 राउंड लगाते हुए जलापूर्ति की जा रही है।

214 कुए अधिग्रहित : सूखे से दो हाथ करने के लिए प्रशासन ने जिले के 214 कुएं अधिग्रहित किए हैं। इसमें से 65 कुए गांव के नागरिकों की प्यास पूरी कर रहे हैं तो 143 कुएं टैंकर के लिए अधिग्रहित किए गए हैं। बागलाण के सर्वाधिक यानी की 56 कुएं अधिग्रहित किए गए है। दिंडोरी के 5, कलवण के 22, पेठ के 13, सुरगाणा के 14, चांदवड के 5, देवला 33, मालेगांव के 50, येवला के 6 और नांदगांव के 10 कुएं अधिग्रहित किए गए हैं।


Created On :   12 Jun 2024 2:24 PM GMT

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