मनमानी से तनातनी: ट्रैफिक कर्मी सुविधा अनुसार बदल देते हैं स्मार्ट पुलिस बूथ का डिजिटल कोड नंबर, दूसरे कर्मी को होती है परेशानी

  • शहर में 150 स्मार्ट पुलिस बूथ लगाने की योजना
  • अब तक 60 बूथ लगाए जा चुके हैं
  • जल्द ही 78 बूथ लगाए जाएंगे
  • नेशनल हाईवे पर भी लगाने की योजना

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-11 08:56 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर, अभय यादव |  बंगलुरू की तर्ज पर मनपा ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट योजना के अंतर्गत संतरानगरी में 150 स्मार्ट पुलिस बूथ लगाने का निर्णय लिया। इसके तहत अब तक 60 स्मार्ट पुलिस बूथ शहर के विविध चौराहों पर लगाए जा चुके हैं, बाकी 78 बूथ जल्द लगाए जाएंगे। 60 स्मार्ट पुलिस बूथों की लागत करीब 3 करोड़ है। मनपा की ओर से इन स्मार्ट बूथों को यातायात पुलिस विभाग को हस्तांतरित किया जा चुका है।

तालमेल की कमी

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ स्मार्ट पुलिस बूथों पर अधिकारी- कर्मचारी अपनी सुविधा के हिसाब से दिए गए डिजिटल कोड नंबर बदल दे रहे थे, जिससे दूसरे की ड्यूटी लगने पर बूथ का दरवाजा ही नहीं खुलता था। इस परेशानी के सामने आने पर मनपा ने पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार अौर यातायात पुलिस विभाग के उपायुक्त चेतना तिडके साथ बैठक लेकर चर्चा की गई। ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि कुछ स्मार्ट पुलिस बूथ में कार्यरत अधिकारी- कर्मचारी अपनी सुविधा के अनुसार डिजिटल कोड नंबर बदल दे रहे थे, जिससे दूसरे अधिकारी-कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अब इस परेशानी से छुटकारा दिलाने के लिए एक ही डिजिटल कोड नंबर होगा। यातायात पुलिसकर्मियों के बीच बराबर तालमेल की कमी से इस तरह की समस्या निर्माण हो रही है। कर्मचारियों के बीच तालमेल रहने पर समस्या दूर हो सकती है।


नंबर भूले तो जल्द नहीं खुलेगा बूथ

शहर में करीब 150 स्मार्ट पुलिस बूथों को लगाने की योजना है, जिसमें करीब 7.50 करोड रुपए की लागत खर्च होगी, जिसके तहत प्रत्येक बूथ पर करीब 5 लाख रुपए की लागत खर्च होगी। स्मार्ट पुलिस बूथ यातायात पुलिसकर्मियों को किसी भी मौसम में राहत पहुंचाने के लिए दिए गए हैं। सूत्र बताते हैं कि कुछ चौराहों के स्मार्ट पुलिस बूथ को लेकर अजीबोगरीब समस्या सामने आई है। डिजिटल कोड नंबर बदलने से दोबारा बूथ खोलने में काफी परेशानी हो रही है। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ऐसी स्थिति में बूथ का दरवाजा खोलने के लिए डिजिटल कोड नंबर बदलने के पहले वाला नंबर उसे खोलने के लिए लगता है और अगर पुराना डिजिटल नंबर याद नहीं, तो स्मार्ट बूथ जल्द नहीं खुल सकता।

अब नहीं बदल सकेंगे नंबर : सूत्रों के अनुसार, शहर में कुछ चौराहे पर लगे स्मार्ट पुलिस बूथ के डिजिटल कोड नंबर बदलने की शिकायतें आने के बाद यह कदम उठाया गया कि स्मार्ट पुलिस बूथ को दिए गए डिजिटल कोड नंबर को अब कोई अधिकारी- कर्मचारी अपनी सुविधा के हिसाब से नहीं बदल सकेंगे। इससे अब किसी दूसरे कर्मचारी को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

बूथ नहीं होगा क्षतिग्रस्त : मनपा से जुडे सूत्रों ने बताया कि करीब 40 की स्पीड से कोई टक्कर हो जाने पर बूथ क्षतिग्रस्त नहीं होगा। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है, उस पर टक्कर का कोई असर नहीं होगा। बूथ यूजर आईडी के बिना न तो खुलेगा और न तो बंद होगा। यूजर आईडी यानी डिजिटल कोड बदलने पर परेशानी खडी हो जाएगी। बूथ के अंदर एक्जास्ट फैन और साधारण पंखे के साथ ही सार्वजनिक उद्घोषणा (पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम) भी लगाया गया है। इसके अलावा दो चार्जर प्वाइंट, अग्निरोधक सिलेंडर, फर्स्ट एड बॉक्स, दो कुर्सी और एक टेबल की सुविधा है।

शहर में लग चुके हैं 60 स्मार्ट पुलिस बूथ

मनीष सोनी, जनसंपर्क अधिकारी, मनपा के मुताबिक शहर में 150 स्मार्ट पुलिस बूथ लगने हैं, जिसमें से अब तक 60 पुलिस बूथ लग चुके हैं, बाकी 78 स्मार्ट पुलिस बूथ जल्द लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।


इन चौराहों पर बूथ का संचालन शुरू

यातयात पुलिस कर्मियों के लिए बारिश या गर्मी के मौसम में सुविधा दिलाने के उद्देश्य से बंगलुरू की तर्ज पर स्मार्ट पुलिस बूथ लगाए जाने की योजना तैयार की गई। इसमें कुछ खामियां थीं, जिसे दूर करने के लिए समिति बनाई गई। इस समिति में पुलिस विभाग, महानगरपालिका, स्मार्ट सिटी के अधिकारियों के अलावा अन्य नागरिकों का समावेश था। शहर के आकाशवाणी चौक, प्रतापनगर चौक, लॉ कालेज चौक, वर्धा रोड, शंकर नगर चौक, एयर इंडिया कार्यालय सहित अन्य कुछ चौराहों पर स्मार्ट पुलिस बूथ का संचालन शुरू किया गया है।

नेशनल हाइवे पर पायलट प्रोजेक्ट जल्द

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जल्द ही नेशनल हाईवे पर भी स्मार्ट पुलिस बूथ लगाए जाने की योजना पर अमल हो रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में नागपुर-अमरावती राष्ट्रीय महामार्ग को चुने जाने की जानकारी सामने आई है। इस नेशनल हाईवे पर तकरीबन 100 स्मार्ट पुलिस बूथ लगाए जाने की योजना पर अमल हो रहा है, जिसमें प्राथमिक स्तर पर 20 स्थानों पर लगाए जाएंगे।

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