धमाका: सोलर कंपनी में विस्फोट : और 3 शव मिले, सामूहिक अंतिम संस्कार का निर्णय
धमाके में 9 लोगों की हुई मौत
डिजिटल डेस्क, बाजारगांव, कोढाली । सोलर एक्सप्लोसिव लिमिटेड गोला-बारूद कंपनी में हुए विस्फोट में दूसरे दिन सोमवार को तीन क्षत-विक्षत शव बरामद हुए। शवों को मेडिकल कॉलेज अस्पताल नागपुर रवाना किए जाने की जानकारी कंपनी के प्रबंधक एम. के. सिंह ने दी। रविवार की सुबह धमाके की घटना में 9 लोगों की मौत के पश्चात एसडीआरएफ की टीम ने घटनास्थल से मलबा हटाने का कार्य देर रात तक जारी रखा। कल रविवार को हादसे के बाद चार शव मिलने पर पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल रवाना किए गए थे।
कंपनी को बंद रखा : सोमवार को दिन भर सोलर एक्सप्लोसिव कंपनी मंे जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन के उच्च अधिकारियों का दौरा चलता रहा। मृतकों के परिजन कंपनी के अंदर अपने मृतक परिजनों के शव को ढूंढते नजर आए। कंपनी के प्रवेश द्वार पर बड़ी संख्या में पुलिस बंदोबस्त रहा। रविवार को घटना होने के बाद से कंपनी को बंद कर दिया गया। बाजारगांव के मृतक युवराज चारोडे तथा ओमेश्वर मछीरके के निवास पर लोगों का तांता लगा रहा।
शव विकृत, परिवार को नही देंगे : सूत्रों के अनुसार विस्फोट में सभी 9 मृतकों के शव परिजनों को देने लायक नहीं थे, इसलिए इस विषय पर प्रशासन तथा परिजनों से चर्चा के बाद सामूहिक अंतिम संस्कार का निर्णय लिया गया।
कोढाली पुलिस ने किया मामला दर्ज : सोलर एक्सप्लोसिव कंपनी में हुए विस्फोट मामले में धारा 304 (अ) तथा 286 के तहत मामला दर्ज किए जाने की जानकारी काटोल उपविभागीय पुलिस अधिकारी बापूसाहेब रोहम ने दी।
पोस्टमार्टम को लेकर दिशा-निर्देश नहीं : रविवार को बाजारगांव के सोलर एक्सप्लोसिव लिमिटेड में हुए धमाके में 9 लोगों की मौत हुई। रविवार की देर रात 4 शव मेडिकल अस्पताल में लाये गए। शव क्षत-विक्षत अवस्था में है। इन शवों का पोस्टमार्टम किये जाने अनुमान लगाया गया था, लेकिन सोमवार को शाम तक इन शवों की शिनाख्त नहीं हो पाई थी। मेडिकल सूत्रों ने बताया कि शवों के पोस्टमार्टम को लेकर कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले है। मेडिकल में लाए गए चारों शवों की पहचान नहीं हो पाई है। जब तक पुलिस की तरफ से इस बारे में कोई दिशा-निर्देश नहीं दिये जाएंगे, तब तक मेडिकल प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं कर सकता।
विस्फोट कहीं षड़यंत्र तो नहीं? : अमरावती रोड स्थित सोलर कंपनी में विस्फोट का मामला सोमवार को विधानपरिषद में गर्माया। विषय पर चर्चा करते हुए सदस्यों ने कंपनी की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की। विरोधी पक्षनेता अंबादास दानवे ने कहा कि संबंधित विभाग द्वारा कंपनी का फायर ऑडिट किया जाता है, लेकिन पिछले छह महीने में यहां कोई भी मॉक ड्रिल नहीं हुई है। संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई होनी चाहिए। छुट्टी के बावजूद कामगारों को रविवार के दिन बुलाया गया। कंपनी में कामगारों की बंधुआ मजदूर जैसी स्थिति है। अल्प वेतन दिया जाता है।
गंभीर आरोप, चर्चा कराने का आश्वासन : राकांपा सदस्य शशिकांत शिंदे ने मामले उठाते हुए कहा कि कंपनी में इसके पहले भी एक-दो घटनाएं हुई हैं। सरकार ने जिलाधिकारी के माध्यम से जांच समिति गठित की है। पता चला है कि यहां 4 हजार से ज्यादा लोग काम करते हैं। 24-24 घंटे इनसे काम कराया जाता है, लेकिन वेतन कम दिया जाता है। 4 हजार कामगार अनेक वर्षों से सिर्फ रोजंदारी पर काम कर रहे हैं। इसकी जांच कर अधिवेशन से पहले रिपोर्ट आनी चाहिए।
कांग्रेस के भाई जगताप ने कहा कि नियमानुसार न्यूनतम वेतन पहले दिन से होना चाहिए। लेकिन यहां न्यूनतम वेतन भी नहीं मिल रहा है। इसकी जांच होनी चाहिए। कहीं यह षड़यंत्र तो नहीं? इसकी भी जांच होनी चाहिए। क्योंकि जिस तरह 4 लोग संसद में घुसे, उससे संदेह बढ़ गया है। उपसभापति नीलम गोर्हे ने मामले की गंभारता को देखते हुए मंगलवार को नियम 97 अंतर्गत इस पर चर्चा कराने का आश्वासन दिया।
चर्चा की मांग, फिर सभात्याग : बारुद कंपनी सोलर एक्सप्लोसिव में विस्फोट प्रकरण पर सरकार से वस्तु स्थिति के खुलासे की मांग को लेकर सोमवार को विधानसभा में विपक्ष ने सभात्याग किया। सभा में कामकाज के आरंभ में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने प्रश्नकाल की अनुमति दी, लेकिन विपक्ष नियम 97 के तहत स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग कर रहा था।
नाना के आरोप : सरकार की लिप्तता : नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने कहा कि संबंधित कंपनी में अनियमितता की शिकायत मिली है। 2018 में विस्फोट में 6 कामगारों की मृत्यु हुई। इसी वर्ष 6 माह पहले एक कामगार की मृत्यु हुई, लेकिन कंपनी ने सुरक्षा की उपाय योजना नहीं की। बारूदी शस्त्र निर्माण संबंधी संवेदनशील काम में भी अप्रशिक्षित कामगारों की सेवाएं ली जा रही है। ठेका भर्ती के माध्यम से 10 वी व 12 पास युवा काम कर रहे हैं। कांग्रेस सदस्य नाना पटोले ने कहा कि शीतसत्र के समय नागपुर के आसपास जानलेवा हादसे हुए हैं। सोलर एक्सप्लोसिव कंपनी मामले में सरकार की लिप्तता है। इस पूरे प्रकरण पर चर्चा के बाद सरकार से जवाब चाहिए। अध्यक्ष नार्वेकर ने सदस्यों के स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा को अस्वीकृत कर दिया। सदस्यों ने दोबारा यही सवाल उठाते हुए सभा त्याग किया।