हंगामा: जिला परिषद के बजट में निधि प्रावधान को लेकर जमकर हंगामा, तोड़-फोड़, विपक्ष का बहिर्गमन
- सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच नोक-झोंक से हंगामे की शुरुआत
- सरकारी संपत्ति की तोड़-फोड़ करने पर कार्रवाई की मांग
- विपक्षी नेता आतिश उमरे और सुभाष गुजरकर की सदस्यता रद्द करने का प्रस्ताव
डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला परिषद की बजट सभा हंगामेदार रही। बजट में सदस्यों की निधि के प्रावधान को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच नोक-झोंक से हंगामे की शुरुआत हुई। अध्यक्ष मुक्ता कोकड्डे ने बजट मंजूर होने की घोषणा करने पर विपक्ष आक्रामक हो गया। सदस्यों को उनके अधिकार की निधि आवंटित करने में सत्तापक्ष की नीयत में खोट आने का आरोप लगाए। विपक्षी नेता आतिश उमरे, शिवसेना (शिंदे गुट) के संजय झाड़े ने जिप की निधि से सम्मेलन, महोत्सव के आयोजन कर राजनीति चमकाने व दोषी करार दिए नेता को कार्यक्रम में शामिल कर सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। विपक्ष के आरोप पर सत्तापक्ष भड़क गया। सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जमकर तू-तू, मैं-मैं हुई। विपक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी कर हंगामा किया। 20 मिनट तक नारेबाजी चली। आक्रोश में आकर उमरे ने बजट पुस्तिका फाड़ी, माइक फेंका, बेंच को धक्का मारकर गिरा दिया और चलते बने। उनके साथ विपक्ष के सभी सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।
सदस्यता रद्द करने का प्रस्ताव पारित : हंगामे के बाद विपक्ष ने बहिर्गमन करने पर सदस्य उज्ज्वला बोढारे ने विपक्ष के सदस्यों पर सदन में बार-बार हंगामा कर सरकारी संपत्ति की तोड़-फोड़ करने का आरोप लगाकर उनके खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की। अध्यक्ष ने विपक्षी नेता आतिश उमरे और सुभाष गुजरकर की सदस्यता रद्द करने का प्रस्ताव पारित कर मंजूरी के लिए विभागीय आयुक्त के पास भेजने की घोषणा की। सदन में मौजूद कांग्रेस के बागी सदस्य नाना कंभाले ने प्रस्ताव के विरोध में मत प्रदर्शित किया।
बजट की कॉपी पर विवाद बजट सभा की शुरुआत ही विपक्षी नेता आतिश उमरे की बचकानी बातों से हुई। अपनी जगह खड़े होकर उन्होंने कहा कि बजट की कॉपी समय पर मिलने से उसे समझने के लिए समय नहीं मिलता। चर्चा के लिए एक-दो दिन बजट की कॉपी देनी चाहिए। अध्यक्ष ने उसका जवाब दिया। उन्होंने कहा कि बजट के दस्तावेज गोपानीय श्रेणी में आते हैं। उस पर वित्त सभापति का पूरा अधिकार है। अध्यक्ष को भी सभी के साथ कॉपी मिलती है।
कटघरे में सीईओ : सीईओ के हस्ताक्षर से डीपीसी को भेजे गए विकासकार्यों के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। जिप सदस्यों से प्राप्त प्रस्ताव जिप अध्यक्ष के हस्ताक्षर से भेजे गए, उसे अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। उसे लेकर सत्तापक्ष की बौखलाहट बजट सभा में देखी गई। गुरुवार को पारशिवनी तहसील के करंभाड़ में जिला स्तरीय क्रीड़ा व सांस्कृतिक महोत्सव में सीईओ सौम्या शर्मा ने उद्घाटन समारोह में उपस्थिति दर्ज नहीं करने के बहाने पूर्व अध्यक्ष रश्मि बर्वे ने सीईओ को कटघरे में खड़ा किया। सीईओ से अनुपस्थिति के लिए खेद व्यक्त करने की मांग की गई। सीईओ ने स्पष्टीकरण दिया कि मंत्री की वीडियो कांफ्रेंस उसी समय रहने के कारण पहुंचने में विलंब हुआ। उनके पहुंचने तक उद्घाटन समारोह समाप्त हो चुका था। सीईओ ने खेद व्यक्त नहीं करने पर सत्तापक्ष ने निषेध किया। बताया जाता है कि करंभाड़ में कार्यक्रम स्थल पर सत्तापक्ष ने पार्टी के पोस्टर, बैनर लगाए थे। उसे सीईओ ने हटाने पर अपमानित महसूस कर रहे सत्ताधारियों ने बजट सभा में बदला लेने की जिप के गलियारों में चर्चा रही।