हादसा: डम्पर ने साइकिल सवार भाई-बहन को कुचला
आक्रोशित भीड़ ने चालक की बेदम पिटाई कर डम्पर को लगाई आग
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बिडगांव में सड़क हादसे में मनपा की मिट्टी उठाने वाली जिग्मा कंपनी के डम्पर ने साइकिल सवार बहन-भाई को कुचल दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। आक्रोशित भीड़ ने डम्पर चालक की अधमरा होने तक पिटाई कर दी। पथराव कर डम्पर और दमकल के वाहन के कांच तोड़ दिए और डम्पर को आग लगा दी। अनियंत्रित भीड़ को भगाने के लिए पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज किया, हालांकि पुलिस इससे इनकार कर रही है।
साइकिल से बहन को छोड़ने जा रहा था : मृतक सुमित नन्हेलाल सैनी (15) और उसकी बहन अंज
लि (18) दुर्गा नगर पारडी निवासी थे। सुमित कक्षा 10वीं में और अंजलि महल स्थित मनोहर कांबली महाविद्यालय में अध्यनरत थी। पढ़ाई के साथ-साथ अंजलि ऑनलाइन सेवा केंद्र में पार्ट टाइम जॉब भी करती थी। सुबह 9:30 बजे सुमित अंजलि को साइकिल से छोड़ने और रास्ते में बड़े भाई सूरज का टिफिन देने जा रहा था, तभी बिडगांव चौक में मनपा की मिट्टी उठाने वाली जिग्मा कंपनी का डंम्पर क्र.एमएच 40 एन 4716 के चालक बादशहा ठाकुर (59) ने पीछे से साइकिल को टक्कर मार दी। इससे भाई-बहन डम्पर के पहिए में आ गए। उनके सिर बुरी तरह से कुचल गए। इससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
आग के हवाले किया : हादसे के बाद भीड़ ने वाहन चालक को डम्पर से खींचकर नीचे उतारा और अधमरा होने तक उसकी पिटाई की। इस बीच िकसी ने हादसे की सूचना पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंच कर चालक को लोगों से मुक्त कराई। लोगों ने डम्पर पर पथराव कर उसके कांच फोड़ दिए और उसे आग के हवाले कर दिया। पुलिस का एक वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गया। आग बुझाने के लिए पुलिस ने मनपा के दमकल विभाग के वाहन को बुलाया, तो उसके भी कांच फोड़ दिए गए।
अनियंत्रित हुई भीड़ : भीड़ को अनियंत्रित होते देखकर मौके पर दंगा निरोधक दस्ते के अलावा कलमना, शांति नगर, तहसील, गणेशपेठ, हुड़केश्वर, पांचपावली, यशोधरा नगर थाने की पुलिस बुलाई गई। भीड़ को भगाने के लिए हल्का लाठीचार्ज किया गया, हालांकि पुलिस विभाग ने लाठीचार्ज करने से इनकार किया है। मौके पर पहुंचे अपर आयुक्त शेवाले, उपायुक्त सुदर्शन मुम्मका, गोरख भामरे आदि ने गुस्साई भीड़ को शांत करने का प्रयास किया। शाम को तगड़े पुलिस बंदोबस्त के साथ मृत भाई-बहन का अंतिम संस्कार किया गया।
अब तक इतनों ने गंवाई जान निवर्तमान वर्ष में शहरभर में 278 जानलेवा हादसे हुए हैं, जिसमें 240 पुरुष और 46 महिलाओं की मौत हो गई है, जबकि सैकड़ों जिंदगी भर के लिए विकलांग हुए हैं।
वर्ष के अंत में घटित हादसे ने सैनी परिवार को कभी न भरने वाला जख्म दिया है। सैनी परिवार मूलत: छत्तीसगढ़ का रहने वाला है। वर्षों पहले वे रोजी-रोटी की तलाश में नागपुर आ गए और यहीं पर बस गए। परिसर के लोगों का कहना है कि रास्ता चौड़ा नहीं होने से लोगों को हादसा स्थल से आवागमन करने के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। आए दिन यहां दुर्घटनाएं होती रहती हैं।