मिशन: राउंड टेबल इंडिया की ‘फ्रीडम ड्राइव’ का भव्य स्वागत
‘शिक्षा के माध्यम से स्वतंत्रता’ मिशन पर मुंबई से बिलासपुर के लिए ‘ड्राइव’
डिजिटल डेस्क, नागपुर। ‘शिक्षा के माध्यम से स्वतंत्रता’ के मिशन पर मुंबई से बिलासपुर के लिए निकला राउंड टेबल इंडिया का क्षेत्र 3 फ्रीडम ड्राइव का काफिला नागपुर पहुंचा। काफिले में शामिल 7 प्रतिष्ठित टेबलर्स का संतरानगरी में विशेष स्वागत हुआ, जिनमें क्षेत्र-3 चेयरमैन सुमित बारडिया, एवीसी सायल लुनिया, आयपीएसी कुणाल अग्रवाल, एनएसआरटी 245 चेयरमैन वरुण कौशिक, फ्रीडम ड्राइव कॉन्वेनर प्रीतेश वैश्य, क्षेत्र एलएपीडी कॉन्वेनर अंशुल अग्रवाल और ट्र मैथियास कुचेम (डॉर्टमंड आरटी 115, जर्मनी से) शामिल थे।
ढोल-ताशा के साथ स्वागत : नागपुर से यह काफिला भिलाई, और रायपुर में महत्वपूर्ण इलाकों में ठहराव करता हुआ बिलासपुर पहुंचेगा। 14 से 18 दिसंबर की इस 5 दिनों की यात्रा में ड्राइव राउंड टेबल का उद्देश्य "शिक्षा के माध्यम से स्वतंत्रता’ के मिशन के बारे में जागरूकता बढ़ाने और विभिन्न शहरों के टेबलर्स के बीच बंधुत्व को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। इसमें एक शहर के टेबलर्स राउंड टेबल इंडिया की फ्रीडम ड्राइव कार में दूसरे शहर जाते हैं, जहां उस शहर के टेबलर्स कार को अगले गंतव्य की ओर ले जाते हैं। इस प्रक्रिया के माध्यम से यह संपूर्ण यात्रा अपने गंतव्य की ओर शुरू है। नागपुर में फ्रीडम ड्राइव का स्वागत पारंपरिक ढोल-ताशा के साथ हुआ।
सेवा कार्यों में शामिल है संगठन : नागपुर टेबलर्स की ओर से सिविल लाइंस स्थित पैब्लो में मधुर संगीत और विशाल रात्रि भोज के साथ सभी मेहमानों और साथी टेबलर्स के लिए एक शानदार शाम का आयोजन किया गया, जिसमें नागपुर के प्रमुख सदस्यों में एनआरटी 83 चेयरमैन राहुल गुगलिया, एनएआरटी-180 चेयरमैन अंगद अरोरा, एनएसआरटी 258 चेयरमैन क्षितीज अग्रवाल, एनटीआरटी 299 चेयरमैन नीरज अग्रवाल, सिटी कोऑर्डिनेटर शुभम जैन और शहर के कई अन्य टेबलर्स शामिल थे। 16 दिसंबर को फ्रीडम ड्राइव कार अपने अगले गंतव्य भिलाई के लिए रवाना हुई। राउंड टेबल इंडिया युवा पुरुषों का एक संगठन है, जो सामाजिक परिवर्तन और उत्कृष्टता लाने का कार्य कर रहा है। यह संगठन निराधार बच्चों की शिक्षा और कई समुदाय के लिए सेवा कार्यों में शामिल है। इसके अंतर्गत, अब तक 3347 परियोजनाओं में 7890 कक्षाएं बनाई गई हैं, जिससे "शिक्षा के माध्यम से स्वतंत्रता’ योजना के तहत 8.67 मिलियन बच्चों के जीवन को रोशन किया जा रहा है।