नियम-कानून: किशोर बाल विवाह से बचे , भनक लगते ही पंडाल में पहुंचे ‘सरकारी मेहमान’

किशोर बाल विवाह से बचे , भनक लगते ही पंडाल में पहुंचे ‘सरकारी मेहमान’
  • बाल संरक्षण विभाग की सतर्कता काम आई
  • रिश्तेदारों व मेहमानों को बाल विवाह नहीं करने की शपथ दिलाई
  • जिला बाल संरक्षण विभाग ने जनवरी से जून तक 8 बाल विवाह रोके

डिजिटल डेस्क, नागपुर । कानून में विवाह की उम्र तय है। लड़की की उम्र 18 वर्ष और लड़के की उम्र 21 वर्ष पूरी होने से पहले विवाह रचाना गुनाह है। कानून बनने के बाद भी बाल विवाह की परंपरा जड़ से खत्म नहीं हुई। अजनी पुलिस थाना सीमाक्षेत्र में मंगलवार को ऐसे ही एक बाल विवाह की जानकारी मिली। भनक लगने पर ‘सरकारी मेहमान’ विवाह पंडाल में दाखिल हो गए। उन्होंने विवाह सूत्र में बंधने जा रहे लड़का, लड़की और विवाह समारोह में सहभागी होने पहुंचे वर-वधू पक्ष के रिश्तेदारों व मेहमानों को बाल विवाह नहीं करने की शपथ दिलाई। इस प्रकार बाल संरक्षण विभाग की सतर्कता से किशोर उम्र में विवाह होने से बच गया।

इस साल की नौंवी कार्रवाई : जिला बाल संरक्षण विभाग ने जनवरी से जून तक 8 बाल विवाह रोके। 2 जुलाई को अजनी पुलिस थाना सीमाक्षेत्र में रोका गया 9वां बाल विवाह है।

लड़का 20, लड़की 17 साल की : लड़के की उम्र 20 साल और लड़की की उम्र 17 साल है। 2 जुलाई की शाम को इनका विवाह होने जा रहा था। चाइल्ड हेल्पलाइन को गुप्त सूत्रों से इसकी भनक लगी। फिर बाल संरक्षण कक्ष को इसकी सूचना दी गई। महिला व बाल विकास अधिकारी भारती मानकर के मार्गदर्शन में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मुश्ताक पठान, संरक्षण अधिकारी साधना ठोंबरे, पुलिस उपनिरीक्षक प्रीति पाटील, सिपाही मधु ठाकुर, मुख्य सेविका किरण पवार, पूर्व नगरसेविका वंदना भानुदास, सामाजिक कार्यकर्ता रंजीत रामटेके, सुजाता दुधे विवाह पंडाल में जा धमके। दोनों के माता-पिता और रिश्तेदारों को बाल विवाह प्रतिबंधक कानून समझाकर विवाह रोकने के लिए बाध्य किया।

गुमराह करने पर स्कूल से टीसी निकाली : बाल विवाह रोकने पहुंची टीम ने दुल्हा, दुल्हन के जन्म प्रमाणपत्र मांगे, तो परिजनों ने देने से इनकार किया। झूठी जन्म तारीख बताकर गुमराह करने का प्रयास किया। तब जाकर बाल संरक्षण विभाग ने स्कूल से दुल्हन की टीसी निकाली। पता चला कि उसकी उम्र 17 वर्ष है। दुल्हे के बारे में जानकारी निकालने पर उसकी उम्र 20 वर्ष पता चली। दोनों की उम्र विवाह की उम्र से कम होने के कारण उनके माता-पिता को सूचना पत्र देकर विवाह की उम्र होने से पहले विवाह नहीं रचाने का हामीपत्र लिया गया। अन्यथा बाल विवाह प्रतिबंधक अधिनियम 2006 अंतर्गत गुनाह दर्ज करने की ताकीद दी। विवाह पंडाल में उपस्थित सभी को लड़के की उम्र 21 साल और लड़की की उम्र 18 साल पूरी होने से पहले विवाह नहीं रचाने की शपथ दी गई।


Created On :   3 July 2024 9:57 AM GMT

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