आदेश: हाई कोर्ट के राज्य सरकार को आदेश, पीओपी मूर्तियों पर तीन माह में ठोस नीति बनाएं

  • स्थाई नीति बनाने के थे आदेश अब तक नहीं बनी
  • बैन के बावजूद बिकी पीओपी मूर्तियां
  • प्रशासन की अनदेखी पर कोर्ट नाराज

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-11 07:59 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पीओपी मूर्तियो के इस्तेमाल पर बाॅम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने खुद संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दायर की है। इस मामले में  हुई सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को पीओपी मूर्तियों को लेकर तीन माह में ठोस नीति बनाने के आदेश दिए हैं। इस मामले में बुधवार को न्या. नितीन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष सुनवाई हुई।

यह है मामला : इसके पहले कोर्ट ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल के दिशा-निर्देशों के अनुसार पर्यावरण पूरक गणेशोत्सव मनाने के लिए राज्य सरकारने बनाई अस्थाई नीति का अमल करने के आदेश दिए थे। इस नीति को ध्यान में रखते हुए मूर्ति विक्रेता और गणेश भक्ताें को 2023 का गणेशोत्सव मनाना था। महानगरपालिका के आंकड़ों के मुताबिक 2023 में विसर्जित की जाने वाली पीओपी की मूर्तियों की संख्या पिछले साल की तुलना में कम थी। राज्य सरकार ने अक्सर बताया कि, पीओपी मूर्तियों पर एक स्थाई नीति लाई जाएगी, लेकिन अब तक यह नीति नहीं बनाई गई।

अगली सुनवाई 24 अप्रैल को : इस बात पर न्यायालय मित्र श्रीरंग भांडारकर ने कोर्ट को ध्यान आकर्षित किया। इस पर जवाब देते हुए राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ विधिज्ञ एस. के. मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि, अगले तीन माह में पीओपी मूर्तियों पर ठोस नीति बनाई जाएगी। यह बात ध्यान में लेते हुए कोर्ट ने इस मामले में 24 अप्रैल को अगली सुनवाई निश्चित की।


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