नागपुर: मेडिकल अस्पताल में अजीब हुुकुमशाही - आधार कार्ड जमा करो, फिर स्ट्रेचर ले जाओ
- वार्ड- 67 से स्ट्रेचर लेने गए बेटे को देना पड़ा ओरिजनल आधार कार्ड
- कार्ड का दुरुपयोग हुआ, तो जिम्मेदार कौन
- जिसने आधार कार्ड लिया, उसे ढूंढता रह गया परिवार
डिजिटल डेस्क, नागपुर. एशिया के सबसे बड़े अस्पताल में शुमार मेडिकल अस्पताल में इन दिनों मरीजों के साथ अजीबो-गरीब किस्से सुनने को मिल रहे हैं। शनिवार को एक ऐसा ही तुगलकी फरमान सुनाए जाने की जानकारी सामने आई। दरअसल, शाम को सीढ़ियों से नीचे उतरते समय एक युवक के पिता दिनेश (परिवर्तित नाम) गिर पड़े। उनके पैर में गंभीर चोट लगी। उनसे चलना नहीं हो पा रहा था, जैसे-तैसे बेटा, पिता को ऑटो में बैठाकर मेडिकल अस्पताल पहुंचा। अस्पताल में पहुंचने के बाद पिता को दर्द से कराहता देख बेटा स्ट्रेचर या व्हीलचेयर के लिए जद्दोजहद करने लगा। इस बीच किसी मरीज के रिश्तेदार ने उसे बताया कि, वार्ड नं.-67 में जाकर देखो, शायद कोई स्ट्रेचर पड़ा होगा तो मिल जाएगा। परेशान युवक वार्ड नं.-67 में पहुंचा, तो वहां उसे एक स्ट्रेचर नजर आया। वार्ड में मौजूद एक व्यक्ति से उसने स्ट्रेचर ले जाने की बात की, तो उसने कहा- ‘पहले तुम्हारा आधार कार्ड दो, उसके बाद स्ट्रेचर ले जाओ’। स्ट्रेचर वापस लाकर दोगे, तब आधार कार्ड मिल जाएगा।
अस्पताल में इंतजाम समझ से परे : अस्पताल में इस तरह का इंतजाम उस युवक के समझ में नहीं आ रहा था। आखिर उसने पिता के दर्द को देखते हुए अपना आधार कार्ड उस व्यक्ति को दिया और स्ट्रेचर लेकर गया। स्ट्रेचर पर ले जाकर पिता को डॉक्टरों को दिखाया। इसके बाद व स्ट्रेचर पर पिता को खुद ही एक्स-रे रूम में ले गया। एक्स-रे के बाद वापस कैज्युअल्टी में लेकर आया। एक्सरे रुम वालों ने उससे कहा- इन्हें ले जाओ, रिपोर्ट ऑनलाइन डॉक्टर के पास पहुंच जाएगी। बताया जाता है कि, ऐसा नहीं कि, इस युवक के साथ यह पहली बार हो रहा था। पिता को कैज्युअल्टी में लाने के बाद कुछ मरीजों के परिजनों से उसने अपनी तसल्ली के लिए पूछा- क्या आधारकार्ड जमा करने के बाद ही स्ट्रेचर मिलता है, तो उन्होंने कहा- हां इन दिनों मेडिकल अस्पताल में ऐसा ही हो रहा है।
कार्ड का दुरुपयोग हुआ, तो जिम्मेदार कौन
पीड़ित युवक और उसके परिजनों का सवाल है कि, मेडिकल अस्पताल में आधार कार्ड जमा करने के बाद शनिवार की रात जिस व्यक्ति ने स्ट्रेचर ले जाने दिया, क्या वाकई वह मेडिकल अस्पताल का कोई कर्मचारी था, या फिर कोई दलाल, जो इस तरह के हथकंडे अपना रहा है। ऐसे में आधार कार्ड का दुरुपयोग होने पर उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। पीड़ित परिवार का कहना है कि, अगर मेडिकल अस्पताल में आधार कार्ड जमा करने के बाद स्ट्रेचर देने की सुविधा की गई है, तो इसके लिए उचित व्यवस्था कार्ड निकासी के बगल में कर देनी चाहिए, इससे कार्ड कौन मांग रहा है, किसके पास जमा हो रहा है, इस बारे में आधार कार्ड जमा करने वाले को तसल्ली रहेगी कि, आधारकार्ड जमा कराने की कोई हुकुमशाही तो नहीं हो रही है और उसका आधार कार्ड जमा करने वाला उसे सुरक्षित वापस लौटा देगा। उसका दुरुपयोग भी नहीं होगा।
कोई आधार कार्ड भूल गया, तो क्या होगा
सवाल यह है कि, ऐसी कोई आकस्मिक घटना के समय अगर कोई आधार कार्ड लाना भूल जाए, तो क्या उसे स्ट्रेचर नहीं मिलेगा और पीड़ित अस्पताल में पड़े-पड़े तड़पता रहेगा। मेडिकल अस्पताल में स्ट्रेचर के मामले में ऐसी व्यवस्था मरीजों के परिजनों की समझ से परे है।
जिसने आधार कार्ड लिया, उसे ढूंढता रह गया परिवार
जब जख्मी का उपचार शुरू हो गया, तो परिजन उस पिंक शर्ट वाले को खोजने लगे कि, उसने आखिर आधार कार्ड क्यों जमा कराया, क्योंकि उसके गले में कोई आईडी प्रूफ नहीं था, जब उन्होंने उस पिंक शर्ट वाले को ढूंढना शुरू किया, तो एक नर्स ने नाम न छापने की शर्त पर परिवार को बताया कि, यह रूल सरकार ने लागू किया है। कोई भी एक आईडी प्रूफ देना पड़ता है। जब कार्ड जमा रहता है, तो लोग स्ट्रेचर वापस लाकर देते हैं। नर्स का कहना था कि, कई बार लोग स्ट्रेचर लेकर जाते हैं या वहीं पर छोड़ देते हैं। कार्ड जमा रहने पर बराबर लोग स्ट्रेचर जमा करने आते हैं। गौरतलब है कि, परिवार के लोग उस पिंक शर्ट वाले को ढूंढते रहे, लेकिन खबर लिखे जाने तक वह उन्हें कहीं नजर नहीं आया। पीड़ित परिवार का कहना है कि, सरकार दावा करती है कि, अपने ओरिजनल आधार कार्ड किसी को न दें, लेकिन मेडिकल अस्पताल में अपने ही नियम कानून हैं।