महाराष्ट्र: 53 नदियों की सफाई पर खर्च हो चुका है 8,650 करोड़, लोअर तापी परियोजना का कार्य 2028 तक होगा पूरा
- इनमें महाराष्ट्र की मुला-मुथा और नाग नदी भी शामिल
- नाग नदी को प्रदूषण मुक्त करने 1,926 करोड़
- लोअर तापी परियोजना का कार्य 2028 तक होगा पूरा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्र सरकार देश की प्रमुख नदियों और बांधों की सफाई के लिए अहम कदम उठा रही है। इसके लिए केन्द्र प्रायोजित राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना (एनआरसीपी) चलाई जा रही है। इसके तहत अब तक देश के 17 राज्यों के 98 शहरों में 53 नदियों को 8,650 करोड़ रूपये की स्वीकृत लागत से कवर किया गया है। यह जानकारी केन्द्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी ने गुरूवार को लोकसभा में दी। उन्होंने बताया कि इससे 2910 मिलियन लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) की सीवेज शोधन क्षमता का सृजन किया गया है। नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 39,080 करोड़ रूपये की लागत से 6,217 एमएलडी सीवेज शोधन की 200 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिसमें से अब तक 3,241 एमएलडी की सीवेज शोधन क्षमता सृजित की जा चुकी है।
नाग नदी को प्रदूषण मुक्त करने 1,926 करोड़
मंत्री ने बताया कि एनआरसीपी के अंतर्गत महाराष्ट्र के पुणे में मुला-मुथा नदी और नागपुर में नाग नदी में प्रदूषण रोकथाम से संबंधित परियोजना पर काम चल रहा है। मुल-मुथा नदी को प्रदूषणमुक्त करने के लिए 990 करोड़ रूपये और नाग नदी के प्रदूषण को रोकने के लिए 1,926 करोड़ रूपये स्वीकृत है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों और चालू वित्त वर्ष के दौरान कुल 240 करोड़ रूपये आवंटित किए गए थे, जिसमें केन्द्र सरकार का हिस्सा 206 करोड़ और राज्य/शहरी स्थानीय निकाय का हिस्सा 33.99 करोड़ रूपये शामिल है। महाराष्ट्र सरकार ने बताया है कि इस राशि का पूर्ण रूप से उपयोग कर लिया गया है।
लोअर तापी परियोजना का कार्य 2028 तक होगा पूरा, जल शक्ति राज्य मंत्री ने लोस में दी जानकारी
महाराष्ट्र के जलगांव जिले में पानी की समस्या को दूर करने वाली पिछले 25 वर्षों से निर्माणाधीन लोअर तापी परियोजना को परवान चढ़ने में और 4-5 पांच साल लगेंगे। अब इस परियोजना को मार्च 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी ने गुरुवार को लोकसभा में एक सवाल के जवाब यह जानकारी दी। बीते जून में संसद के विशेष सत्र के दौरान सांसद स्मिता वाघ ने इस मुद्दे को उठाते हुए जिले की पानी की समस्या के स्थायी समाधान करने वाली इस परियोजना के निर्माण कार्य की गति निधि के अभाव में बहुत धीमी होने की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया था। इसके जवाब में राज भूषण चौधरी ने बताया कि इस परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) में शामिल करने की प्रक्रिया के एक भाग के रुप में जल शक्ति मंत्रालय की संबंधित समितियों ने इसको तकनीकी-आर्थिक व्यवहार्यता को स्वीकार कर लिया है और 2,888.48 करोड़ रुपये (दिसंबर 2023 मूल्य स्तर) की अनुमानित लागत से लोअर तापी परियोजना को निवेश मंजूरी भी दी है।