नागपुर: ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते, चार माह में 43 बच्चों को बचाया- आवश्यक सुविधाओं की ओर ध्यान नहीं

  • एक हजार जनसंख्या के लिए मिलती है आंगनवाड़ी की मंजूरी
  • डीपीडीसी से निधि मंजूर

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-26 05:57 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. गर्भवती माता व बालकों को आंगनवाड़ियों से पूरक आहार दिया जाता है। एकात्मिक बाल विकास विभाग हर साल करोड़ों रुपए खर्च करती है। वहीं आंगनवाड़ियों में आवश्यक सुविधाओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 139 आंगनवाड़ियों की अपनी इमारत नहीं है। 181 आंगनवाड़ियों में शौचालय का अभाव है। 108 आंगनवाड़ी सेवक और 25 सहायक के पद रिक्त हैं।

जिले में 2212 आंगनवाड़ियां

जिले के ग्रामीण क्षेत्र में 2212 आंगनवाड़ियां, जिसमें 1951 नियमित और 261 मिनी आंगनवाड़ियों का समावेश है। जिन आंगनवाड़ियों की अपनी इमारत नहीं है, वह आंगनवाड़ियां समाज भवन, मंदिर, ग्राम पंचायत की इमारत तथा किराए के मकान में भरती हैं। बिना इमारत की आंगनवाड़ियों में अधिकांश मिनी आंगनवाड़ियों का समावेश है।

एक हजार जनसंख्या के लिए मिलती है आंगनवाड़ी की मंजूरी

केंद्र सरकार के महिला व बाल कल्याण विभाग से आंगनवाड़ी को मंजूरी प्रदान होने पर एक हजार जनसंख्या के लिए आंगनवाड़ी की मंजूरी दी जाती है। एक आंगनवाड़ी में कितने बच्चे होने चाहिए, ऐसी कोई शर्त नहीं है। आंगनवाड़ी में शून्य से 6 साल के बच्चों व गर्भवती माता तथा किशोरियों को पूरक पोषण आहार तथा स्वास्थ्य की देखभाल की जाती है। आंगनवाड़ी सेवक तथा सहायकों पर यह जिम्मेदारी डाली गई है।

डीपीडीसी से निधि मंजूर

आंगनवाड़ी इमारत निर्माण के लिए डीपीडीसी से जिला परिषद को निधि प्राप्त हुई है। जिन आंगनवाड़ियों की अपनी इमारत नहीं, उनमें से कुछ अांगनवाड़ियों को इमारत मिलनेवाली है। किराए की इमारत में चल रही आंगनवाड़ियों को प्रति माह 750 रुपए किराया दिया जा रहा है।

Tags:    

Similar News