कार्यकर्ताओं में असमंजस: नामांकन शुरु, तय नहीं हो पाए नाम, प्रचार कार्य के लिए नहीं बन पायी रणनीति
- पांच लोकसभा क्षेत्रों के लिए बुधवार से उम्मीदवारों का नामांकन दर्ज
- राज्य में लोकसभा चुनाव का यह सबसे पहले चरण
- नामांकन शुरु हुए पर उम्मीदवार के नाम तय नहीं
डिजिटल डेस्क, नागपुर, रघुनाथसिंह लोधी। पूर्व विदर्भ के पांच लोकसभा क्षेत्रों के लिए बुधवार से उम्मीदवारों का नामांकन दर्ज होने लगा। राज्य में लोकसभा चुनाव का यह सबसे पहले चरण है। लेकिन किसी भी क्षेत्र में मुकाबले की तस्वीर उभर नहीं पायी है। स्थिति यह है कि नामांकन शुरु हुए पर उम्मीदवार के नाम तय नहीं हो पाये हैं। 4 क्षेत्र के लिए भाजपा ने उम्मीदवार घोषित किए हैं। अन्य दल से उम्मीदवार का नाम सामने नहीं आने से उन क्षेत्रों में भी चुनावी रंग नहीं चढ़ पाया है। प्रचार कार्य के लिए रणनीति नहीं बन पायी है। चुनाव को लेकर उत्साहित रहनेवाले कार्यकर्ता भी असमंजस की स्थिति में हैं।
भाजपा सांसदों को भी इंतजार
विदर्भ में लोकसभा की 10 में से 5 सीटों पर पहले चरण में मतदान होगा। ये सीटें पूर्व विदर्भ में नागपुर, रामटेक, गोंदिया-भंडारा, गडचिरोली-चिमूर व चंद्रपुर हैं। भाजपा ने 4 उम्मीदवार घोषित किए उनमें पूर्व विदर्भ में दो उम्मीदवार है। नितीन गडकरी नागपुर व सुधीर मुनगंटीवार चंद्रपुर से उम्मीदवार घोषित किए गए है। लेकिन गोंदिया-भंडारा व गडचिरोली-चिमूर क्षेत्र में भाजपा के सांसदों को उम्मीदवारी का इंतजार करना पड़ रहा है। 2019 के चुनाव में विदर्भ में भाजपा शिवसेना गठबंधन ने 8 सीटें जीती थी। चंद्रपुर से कांग्रेस के बालू धानोरकर व अमरावती से निर्दलीय नवनील राणा ने चुनाव जीता था। पूर्व विदर्भ की जिन 5 सीटों पर पहले चरण में मतदान होगा उनमें से चंद्रपुर छोड़कर सभी सीटें भाजपा गठबंधन ने जीती थी।
कहां क्या स्थिति
नागपुर में भाजपा उम्मीदवार नितीन गडकरी के मुकाबले के लिए कांग्रेस में उम्मीदवार के नाम पर चर्चा चल रही है। चर्चा के लिए मुंबई में बैठकें हो रही है। कांग्रेस के शहर अध्यक्ष विकास ठाकरे का नाम चर्चा में आया है। नितीन कुंभलकर ने कांग्रेस उम्मीदवार बनने की मांग की है। दावा किया जा रहा है कि एक-दो दिन में कांग्रेस उम्मीदवार तय हो जाएगा। रामटेक में भाजपा गठबंधन से शिवसेना शिंदे गुट ने चुनाव लड़ने का दावा किया है। भाजपा गठबंधन में यह सीट शिवसेना को मिलती रही है। भाजपा शिंदे को मनाने में लगी है कि वे रामटेक पर दावा न करें। भाजपा गठबंधन की ओर से भाजपा, शिवसेना शिंदे गुट के अलावा कांग्रेस के विधायक रहे जनप्रतिनिधि का नाम भी इच्छुक उम्मीदवार के तौर पर सामने आ रहा है। रामटेक लोकसभा क्षेत्र को नागपुर जिला ग्रामीण कहा जाता है। यहां जिला परिषद की सत्ता कांग्रेस के पास है। कांग्रेस से सुनील केदार, मुकुल वासनिक के समर्थक कार्यकर्ताओं के नाम सामने रहे हैं। लिहाजा दोनों गठबंधन उम्मीदवार तय नहीं कर पाए हैं। गोंदिया-भंडारा में भले ही भाजपा सांसद है। लेकिन राकांपा अजित पवार गुट ने भाजपा गठबंधन की उम्मीदवारी का दावा किया है।
गोंदिया-भंडारा में राकांपा के बड़े नेता प्रफुल पटेल अपने समर्थक को उम्मीदवार बनाना चाहते हैं। ऐसी ही स्थिति गडचिरोली-चिमूर की है। राज्य में केबिनेट मंत्री धर्मराव बाबा आत्राम की दावेदारी ने भाजपा गठबंधन के निर्णय को फिलहाल रोक रखा है। राज परिवार के आत्राम राकांपा के बड़े नेता माने जाते हैं। वे चुनाव लड़ने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं। गडचिरोली में भाजपा गठबंधन के मुकाबले के लिए कांग्रेस गठबंधन की ओर से कोई नाम खुलकर सामने नहीं आया है। चंद्रपुर राज्य की वह एकमात्र लोकसभा सीट है जहां से 2019 के चुनाव में कांग्रेस जीती थी। सांसद बालू धानोरकर के निधन के बाद से इस सीट के लिए कांग्रेस उम्मीदवार के नाम की घोषणा का इंतजार किया जा रहा है। बालू धानोरकर की पत्नी प्रतिभा धानोरकर स्वयं को कांग्रेस उम्मीवार के तौर पर प्रचारित रही है। चंद्रपुर में कांग्रेस की राजनीति में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार की भूमिका को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। चंद्रपुर में हंसराज अहिर के बजाय सुधीर मुनगंटीवार को उम्मीदवार बनाए जाने से भाजपा में गुटबाजी की संभावना तलाशी जा रही है।