अदालत: तारीख पर तारीख नहीं - न्याय तक सुलभ और सस्ती पहुंच होगी

  • कानून प्रणाली का डिजिटलाइजेशन
  • न्यायालयों का ई-कोर्ट में बदलाव
  • जजमेंट सर्च पोर्टल शुरू

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-02 14:19 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर, निखिल जनबंधू. न्यायिक प्रक्रिया और उत्पादकता को गुणात्मक और मात्रात्मक तरीके से बढ़ाने, न्याय प्रणाली को सस्ती, सुलभ, किफायती और नागरिकों के लिए पारदर्शी बनाने के मूल उद्देश्य से कानून प्रणाली का डिजिटलाइजेशन किया जा रहा है। देश भर में चलाए जा रहे "ई-कोर्ट' परियोजना के तहत अब तक महाराष्ट्र में 2 हजार 157 न्यायालयों का "ई-कोर्ट' में बदलाव किया गया है। साथ ही राज्य के 471 न्यायालय संकुल में भी यह सुविधा उपलब्ध करायी गई है।

उद्देश्य : लंबित मामलों में कमी

केंद्र के विधि और न्याय विभाग की ओर से देश में न्यायिक व्यवस्था को आधुनिक तकनीक से अपडेट करने के लिए 2015 से ई-कोर्ट परियोजना क्रियान्वित की जा रही है। अब तक ई-कोर्ट परियोजना के दो चरण पूरे हो चुके हैं। इसी के तहत राज्य में 2 हजार से ज्यादा ई-कोर्ट बनाए गए हैं। ई-कोर्ट से अदालत के लंबित मामलों में कमी आएगी, नागरिकों की न्याय तक सुलभ और सस्ती पहुंच सुनिश्चित होगी, मुकदमों को हल करने में तेजी आएगी तथा नागरिकों को त्वरित न्याय मिलेगा और अदालतों व्यवस्था संबंधी खर्चे में भी कमी आएगी।

"जजमेंट सर्च' पोर्टल शुरू"जजमेंट सर्च' पोर्टल शुरू

नागरिकों को नई सुविधा उपलब्ध कराते हुए "जजमेंट सर्च' पोर्टल शुरू किया गया है। इसमें बेंच, याचिका का प्रकार, याचिका का नंबर, वर्ष, याचिकाकर्ता, प्रतिवादी का नाम, न्यायाधीश का नाम, अधिनियम, धारा और न्यायालय का फैसला यह सारी बातें आसानी से खोजी जा सकेंगी। न्याय विभाग की ओर से सभी को यह सुविधा निःशुल्क प्रदान की जार रही है।

3 करोड़ मामलों की ऑनलाइन सुनवाई की गई है

अब तक देश में करीबन 3 करोड़ मामलों पर ऑनलाइन सुनवाई की गई है। जिला न्यायालय में 2 करोड़ 11 लाख 52 हजार 949, उच्च न्यायालय में 80 लाख 91 हजार 400 और सर्वोच्च न्यायालय में 4 लाख 82 हजार 941 मामलों पर वीडिओ कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई ली गई है।

नागरिकों में जागरूकता के लिए "जस्टिस क्लॉक'

राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड (एनजेडीजी) के माध्यम से बनाए गए डेटाबेस का प्रभावी उपयोग करना और नागरिकों को जानकारी उपलब्ध कराने के लिए एलईडी डिस्प्ले संदेश साइन बोर्ड लगाया जा रहा है। इसे "जस्टिस क्लॉक' सिस्टम कहा गया है। जस्टिस क्लॉक का उद्देश्य है न्याय क्षेत्र के बारे में जनता में जागरूकता लाना। अब तक 25 उच्च न्यायालय में कुल 39 जस्टिस क्लॉक लगाए गए हैं।

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