नागपुर: शर्तें नईं-नईं 250 बसों की आपूर्ति पर संकट
- आपूर्तिकर्ता 5 एजेंसियों ने नकदी डिपॉजिट को बदलकर बैंक गारंटी प्रावधान की मांग की
- बसों की आपूर्ति पर संकट
- 381 बसों का फिलहाल संचालन
डिजिटल डेस्क, नागपुर. केन्द्र और राज्य से प्रदूषण मुक्त और पर्यावरण पूरक इलेक्ट्रिक बसों को सार्वजनिक परिवहन में इस्तेमाल करने का निर्देश दिया गया है। ऐसे में मनपा के परिवहन विभाग ने भी 15 साल पुरानी डीजल की 237 बसों को बदलने का निर्णय लिया है। इन बसों के बदले में हाल ही में उपमुख्यमंत्री से आवंटित 137 करोड़ की निधि से 250 इलेक्ट्रिक बसों की खरीदी प्रक्रिया आरंभ की गई है, लेकिन टेंडर की प्रीबिड मीटिंग में कंपनियों की ओर से टेंडर प्रस्ताव में बदलाव की मांग की गई है। कंपनियों ने 2.13 करोड़ की सुरक्षा राशि को नगदी स्वरूप में लेने की बजाय बैंक गारंटी के रूप में सौंपने का प्रस्ताव दिया है। ऐसे में बसों की खरीदी की प्रक्रिया में देरी होने की आशंका बन गई है। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि कंपनियों के प्रस्ताव को टेंडर प्रक्रिया में शामिल करने का प्रस्ताव नहीं है।
381 बसों का फिलहाल संचालन
महानगरपालिका के परिवहन विभाग से आपली बस सेवा में 381 बसों का संचालन हो रहा है। इसमें 90 स्टैंडर्ड श्रेणी की डीजल बसें, 34 सीएनजी रूपांतरित बसें, 131 मिडी डीजल बसें, 42 मिनी डीजल बसें और 50 वातानुकूलित बसों का समावेश है। इस बस सेवा का प्रतिदिन करीब 1.44 लाख यात्री इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि प्रतिदिन करीब 25 लाख रुपए तक आमदनी होती है। सालाना घाटे को कम करने के साथ यात्रियों को सुविधाजनक सफर कराने को लेकर ई-बसों को बेड़े में शामिल करने का प्रयास हो रहा है, लेकिन ई-बसों को ठेका कंपनियों की ओर आपूर्ति में परिवहन विभाग को खासा मशक्कत करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर हाल ही में उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की निधि से बसों की खरीदी में भी मुश्किलें आ रही हैं। करीब 137 करोड़ रुपए की निधि से मनपा परिवहन विभाग को 250 वातानुकूलित बसों की खरीदी करना है। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया भी आरंभ कर दी गई है, लेकिन प्रीबिड चर्चा में ठेका एजेंसियों ने नियमों में बदलाव की मांग की है। ऐसे में प्रक्रिया में देरी होने की संभावना बन गई है।
137 करोड़ से 250 खरीदी की प्रक्रिया
कुछ माह पहले प्रदूषणमुक्त सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था के लिए उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने मनपा को 137 करोड़ की निधि आवंटन करने की घोषणा की है। इस निधि से वेट लीज व्यवस्था में 250 वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बसों की खरीदी की जानी है। मनपा प्रशासन ने 45 दिनों की समयावधि के लिए 6 नवंबर को टेंडर प्रक्रिया आरंभ की है। मनपा मुख्यालय में 20 नवंबर को प्रीबिड मीटिंग में करीब पांच आपूर्तिकर्ता कंपनियों की ओर से प्रस्ताव रखे गए हैं, लेकिन कंपनियों ने मनपा प्रशासन से 2.13 करोड़ रुपए की नगदी राशि भुगतान की शर्त को बदलने की मांग की है। कंपनियों के मुताबिक नगदी भुगतान की बजाय मनपा प्रशासन से बैंक गारंटी का प्रावधान करने की मांग की गई है। इस बदलाव की मांग को लेकर पांचों कंपनियां अड़ गई है। हालांकि प्रशासन के अधिकारियों का दावा है कि कंपनियों की शर्त के चलते बसों की आपूर्ति प्रक्रिया में देरी नहीं होगी। निर्धारित 45 दिनों की समयावधि के पूरा होने पर 22 दिसंबर को कंपनियों के प्रस्ताव की आर्थिक निविदा को तय कर आपूर्ति के लिए कार्यादेश जारी किया जाएगा।
जानें-क्या होती वेट लीज व्यवस्था
परिवहन विभाग ने नई बसों की आपूर्ति के लिए वेट लीज व्यवस्था को स्वीकार किया है। इस व्यवस्था में निर्माता कंपनियों की ओर से प्रति बस करीब 2 करोड़ रुपए कीमत में से सब्सिडी के रूप में मनपा प्रशासन 55 लाख रुपए भुगतान करेगा। इसके बाद करीब 10 सालों तक बसों के संचालन, रखरखाव, चार्जिग व्यवस्था समेत डिपो तैयार करने की जिम्मेदारी कंपनी के हवाले होगी। बस की कीमत के 1.50 करोड़ रुपए की वसूली के लिए मनपा प्रशासन प्रति किमी 60 रुपए की दर से 10 सालों में भुगतान करेगी।
जल्द प्रक्रिया पूरी होगी
सुरेश बगले, उपायुक्त, परिवहन विभाग, मनपा के मुताबिक परिवहन विभाग ने 250 बसों की खरीदी के लिए 45 दिनों की टेंडर प्रक्रिया को आरंभ किया है। प्रीबिड मीटिंग में आपूर्तिकर्ता एजेंसियों ने कई प्रस्ताव रखे हैं, लेकिन ऐसे प्रस्तावों से प्रक्रिया में देरी अथवा बदलाव की गुंजाइश नहीं होगी। जल्द ही इस प्रक्रिया को पूरा कर बसों की खरीदी पूरी की जाएगी।