ओबीसी के मुद्दे को लेकर विदर्भ में जनाधार बढ़ाने का प्रयास करेगी राकांपा
- 7 अगस्त से विशेष प्रचार अभियान चलाया जाएगा
- ओबीसी के मुद्दे को लेकर सियासत
- विदर्भ में जनाधार बढ़ाने का प्रयास करेगी राकांपा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। विदर्भ में जनाधार बढ़ाने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ओबीसी के मुद्दे के साथ जनसंपर्क करेगी। संगठन पुनर्गठन में ओबीसी का प्रतिनिधित्व बढ़ाया जाएगा। लोकसभा की 4 सीटों पर प्रमुखता से ध्यान केंद्रित रहेगा। इसके अलावा लोकसभा क्षेत्र स्तर पर नए जनसंपर्क कार्यक्रम तैयार किए जाएंगे। विदर्भ में राकांपा की संगठनात्मक स्थिति ठीक नहीं है। लोकसभा, विधानसभा के अलावा विविध निकाय संस्थाओं के चुनावों में भाजपा पिछड़ती रही। राकांपा के लगभग सभी प्रमुख नेता कहते रहे हैं कि विदर्भ में उनकी पार्टी अधिक मजबूत नहीं हो पायी है। लेकिन अब विशेष प्राथमिकता के साथ जनाधार बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। विदर्भ में लोकसभा की 10 सीटें है। पहले गोंदिया से राकांपा के प्रफुल पटेल चुनाव लड़ते रहे। लेकिन अब वह सीट कांग्रेस के कोटे में छोड़ दी गई है। बदली हुई राजनीतिक स्थिति में राकांपा ने विदर्भ में लोकसभा की जिन 4 सीटों पर ध्यान केंद्रित किया है उनमें गडचिरोली, रामटेक, वर्धा व अमरावती लोकसभा क्षेत्र शामिल है। रामटेके लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत विधानसभा की दो सीटों पर राकांपा का प्रभाव रहा है। गडचिरोली में पूर्व मंत्री बाबा आत्राम सहित अन्य नेताओं के सहयाेग से राकांपा प्रभाव दिखाती रही है। राकांपा अोबीसी सेल के प्रदेश अध्यक्ष ईश्वर बालबुधे के अनुसार ओबीसी की समस्याओं को लेकर जनसंवाद के कार्यक्रम बड़े पैमाने पर होनेवाले है। 7 अगस्त को मंडल दिन पर एक बड़ी सभा होगी। उसके बाद हर क्षेत्र में सभा व जनसंपर्क होगा। जातीय जनगणना, ओबीसी आरक्षण सहित अन्य विषयों को लेकर पार्टी के प्रमुख नेता गांवों व वार्डों तक पहुंचेंगे। राकांपा में संगठनात्मक पुनर्गठन की मांग की जाती रही है। प्रदेश से लेकर जिला व तहसील स्तर पर कुछ नेतृत्वों में निश्चित ही बदलाव होगा। संगठन निरीक्षक सहित अन्य प्रमुख पदाधिकारियों की जिम्मेदारी बढ़ेगी। छगन भुजबल, धनंजय मुंडे, जीतेंद्र आव्हाड सहित अन्य नेताओं के प्रदेश स्तर पर दौरे बढ़ेंगे।
चुनाव को लेकर स्थिति साफ होने का इंतजार
राज्यों में विविध चुनावों को लेकर स्थिति साफ होने का इंतजार राकांपा को है। लोकसभा चुनाव के पहले मनपा व अन्य निकाय संस्थाओं के चुनाव होने पर राकांपा की रणनीति अलग रहेगी। अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रयास किया जाएगा। अगस्त में ही नागपुर में राकांपा का बड़ा सम्मेलन कराने का विचार चल रहा है।