Nagpur News: नागपुर विभाग में जन प्रतिनिधियों के 76 मामले प्रलंबित पड़े

नागपुर विभाग में जन प्रतिनिधियों के 76 मामले प्रलंबित पड़े
  • पूर्व-वर्तमान विधायक सहित पूर्व नगरसेवकों पर 10 मामले
  • हाई कोर्ट द्वारा जारी आंकड़ों से सामने आई जानकारी
  • 10 मामले कोर्ट में विचाराधीन

Nagpur News राज्य में सांसदों, विधायकों के संबंधित आपराधिक मामलों का निपटारा करने के लिए विशेष न्यायालयों को स्थापित किया गया है। नागपुर विभाग के 29 विशेष न्यायालयों में जन प्रतिनिधियों पर कुल 76 मामले प्रलंबित हैं। वहीं, नागपुर जिले की बात करें तो 10 मामले प्रलंबित हैं। 30 सितंबर 2024 तक की यह जानकारी हाई कोर्ट द्वारा जारी आंकड़ों से सामने आई है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार, ऐसे मामलों की सुनवाई विशेष न्यायालय के समक्ष की जाती है। नागपुर के विभिन्न पुलिस थाने में दर्ज शिकायतों के अनुसार पूर्व-वर्तमान विधायकों, पूर्व नगरसेवकों और विभिन्न दलों के कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। ऐसे 10 मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं।

अमरावती जिले में सर्वाधिक मामले : नागपुर विभाग में सबसे ज्यादा 17 मामले अमरावती में जन प्रतिनिधियों के खिलाफ मामले प्रलंबित हैं। इसके अलावा यवतमाल 12, बुलढाणा में 11 और नागपुर जिला दस मामलों के साथ चौथे स्थान पर है।

जेएमएफसी में नाना पटोले, वंजारी के खिलाफ याचिका : नागपुर प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी (जेएमएफसी) की कोर्ट में कुल 10 मामले प्रलंबित हैं। इसमें जन प्रतिनिधियों पर ज्यादातर 188, 171 एफ, 269, 270, 341, 34 की धारा के अनुसार मामले दर्ज हैं। किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा दिए निर्देशों का उल्लंघन करने पर आईपीसी धारा 188 लगाई जाती है। वहीं यदि कोई व्यक्ति निर्वाचन प्रक्रिया में असम्यक् असर डालता है या प्रतिरूपण करता है, उसके खिलाफ धारा 171 एफ के खिलाफ मामला दर्ज किया जाता है। 2024 में जेएमएफसी कोर्ट में महाराष्ट्र कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष तथा विधायक नाना पटोले, विधायक अभिजीत वंजारी के खिलाफ याचिका प्रलंबित है। इसके अलावा विधायक कृष्णा खोपड़े, पूर्व विधायक सुधाकर देशमुख और अन्य जन प्रतिनिधियों के खिलाफ भी याचिका प्रलंबित है।

Created On :   21 Oct 2024 10:30 AM GMT

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